महाराष्ट्र के चीनी मिलों को अधिशेष चीनी की समस्या से जूझना पड़ रहा है। अब इससे छुटकारा पाने के लिए विशेषज्ञों द्वारा चीनी मिलों को इथेनॉल उत्पादन पर ध्यान केंद्रित करने को कहा जा रहा है। शुक्रवार को पुणे के वसंतदादा शुगर इंस्टीट्यूट (VSI) में एक बैठक में, मिलर्स ने इथेनॉल के उत्पादन की दिशा में कम से कम 10 लाख टन डायवर्ट करने पर चर्चा की।
फाइनेंसियल एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर के मुताबिक, महाराष्ट्र स्टेट कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज़ फेडरेशन के प्रबंध निदेशक संजय खताल ने कहा की इथेनॉल का उत्पादन करने से न केवल चीनी के डायवर्जन के कारण मूल्य को स्थिर करने में मदद मिलेगी, बल्कि किसानों को उचित और पारिश्रमिक मूल्य (एफआरपी) भुगतान में भी आसानी होगी।
महाराष्ट्र देश का दुसरा सबसे बडा गन्ना और चीनी उत्पादक राज्य है। इस साल राज्य में बंपर गन्ना उत्पादन होने का अनुमान लगाया जा रहा है, जिसके चलते अभी से मिलों को इथेनॉल उत्पादन के लिए बढावा दिया जा रहे, ताकि इस साल चीनी अधिषेश की समस्या कुछ हदतक कम हो सके।
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