कोल्हापुर: महाराष्ट्र में गन्ना मूल्य निर्धारण को लेकर तनाव बढ़ गया। स्वाभिमानी शेतकरी संगठन, आंदोलन अंकुश, शेतकरी संगठन समेत कई किसान संगठनों ने पिछले सीजन का अतिरिक्त भुगतान और इस सीजन के लिए प्रति टन कम से कम 3500 रुपये की मांग को लेकर आंदोलन तेज कर दिया है। गन्ना मूल्य की घोषणा किये बिना पेराई सीजन नही शुरू करने की चेतावनी किसान संगठनों द्वारा दी गई है। चीनी मिलर्स और किसान संघठनों के बीच खींचतान बढ़ गई है, और इसके चलते किसानों ने कर्नाटक से गन्ना ले जा रहे दो ट्रैक्टरों को आग लगा दी।
पुलिस के अनुसार, बुधवार रात कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा पर गन्ना ले जा रहे दो ट्रैक्टरों को आग लगा दी गई। दोनों राज्यों के लगभग 20 किसानों ने कर्नाटक से महाराष्ट्र की एक चीनी मिल के लिए 30 से 35 टन गन्ना ले जा रहे दो ट्रैक्टरों में आग लगा दी। सदालगा पुलिस उप-निरीक्षक एसएम बिरादर के अनुसार, यह घटना कर्नाटक के निपानी तालुका के कारदगा गांव के बाहरी इलाके में हुई।
स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के बैनर तले पूर्व सांसद राजू शेट्टी के नेतृत्व में दक्षिण महाराष्ट्र और उत्तरी कर्नाटक के गन्ना उत्पादकों के लिए ‘ऊस परिषद’ (गन्ना सम्मलेन) का आयोजन किया गया था। इस परिषद के दौरान, सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि दक्षिण महाराष्ट्र में चीनी मिलों को तब तक गन्ने की आपूर्ति नहीं की जाएगी जब तक कि वे गन्ने की न्यूनतम दर ₹3,500 प्रति टन की घोषणा न कर दें।
बेलगावी गन्ना उत्पादक संघ के अध्यक्ष सिद्दगौड़ा मोदगी ने प्रदर्शनकारी किसानों के ट्रैक्टर जलाने का समर्थन किया और उनसे किसान संगठन द्वारा लिए गए निर्णयों से पीछे नहीं हटने का आग्रह किया। मोदगी ने जोर देकर कहा, हमें उन चीनी मिलों से निपटते समय दृढ़ रहना चाहिए, जो सहमत राशि का भुगतान करने में विफल होकर गन्ना आपूर्तिकर्ताओं को लुट रहे है।