मुंबई : महाराष्ट्र में 2021-22 गन्ना पेराई सत्र अपने अंतिम चरण में प्रवेश कर गया है और कोल्हापुर जिले में 6 मिलों ने अपना परिचालन बंद कर दिया है। राज्य में चीनी का रिकॉर्ड उत्पादन होने की उम्मीद है, और अंतिम चीनी उत्पादन लगभग 120 लाख टन के ऊपर का अनुमान लगाया गया है, जो राज्य के लिए अब तक का उच्चतम स्तर है। चीनी आयुक्तालय के आकड़ों के मुताबिक, सीजन 2021-22 में 09 मार्च, 2022 तक महाराष्ट्र में कुल मिलाकर 197 चीनी मिलों ने पेराई में हिस्सा लिया। जिसमे 98 सहकारी एवं 99 निजी चीनी मिलें शामिल है, और 1012.07 लाख टन गन्ने की पेराई की जा चुकी है। राज्य में अब तक 1044.06 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया गया है। राज्य में फ़िलहाल औसत चीनी रिकवरी 10.32 प्रतिशत है।
कोल्हापुर और सांगली के चीनी के कटोरे में मिलों के मार्च के अंत तक अपने सीजन के समाप्त होने की उम्मीद है। अप्रैल के अंत तक पुणे और सतारा में ज्यादातर मिलें बंद होनी हैं। हालांकि, मराठवाड़ा, अहमदनगर, सोलापुर और नासिक में मिलों के मई के अंत तक अपना परिचालन जारी रखने की उम्मीद है। मराठवाड़ा में किसानों ने अपने गन्ना क्षेत्र में कई गुना वृद्धि की है जिसके कारण मिलों को भारी मात्रा में गन्ना का सामना करना पड़ रहा है। राज्य में प्रति एकड़ उत्पादकता में भी कई क्षेत्रों में वृद्धि देखी गई है।
चीनी आयुक्त कार्यालय द्वारा दिए गए शुरुआती अनुमानों में 1,056 लाख टन गन्ना पेराई के लिए उपलब्ध होने की बात कही गई थी और राज्य में 10.30 प्रतिशत की औसत रिकवरी पर लगभग 108 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान था। (इसमें एथेनॉल के उत्पादन के लिए डायवर्ट की गई 12-15 लाख टन चीनी को ध्यान में रखा जा रहा है)।
हालांकि, वर्तमान में 260 लाख टन से अधिक गन्ने की पेराई ज्यादातर मराठवाड़ा में होनी बाकी है और चीनी का उत्पादन और बढ़ने की उम्मीद है। महाराष्ट्र का अंतिम चीनी उत्पादन अब 120 लाख टन को छूने की उम्मीद है, और यह उत्पादन राज्य में चीनी उद्योग शुरू होने के बाद से सबसे अधिक होगा।
आपको बता दे, हालही में ISMA ने अपने दूसरे अग्रिम अनुमानों में अनुमानित 117 लाख टन के मुकाबले महाराष्ट्र के लिए 2021-22 सीजन के लिए अपने चीनी उत्पादन अनुमान को 126 लाख टन (एथेनॉल में बदलने के बाद) संशोधित किया है।