मुंबई: चीनी मंडी
नया चीनी मौसम शुरू होने के लिए सिर्फ एक महीने बचा है, और महाराष्ट्र में चीनी मिलों को अभी भी गन्ना किसानों को 437 करोड़ रुपये की बकाया राशि चुकानी है।
राज्य चीनी आयुक्त संभाजी कडू पाटिल ने कहा की, हम राजस्व वसूली प्रमाण पत्र जारी करने सहित डिफॉल्टर्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की प्रक्रिया में हैं। बकाया चुकाने में नाकाम रही चीनी मिलों का चीनी स्टॉक और संपत्ति पर सरकार क नियंत्रण रख सकती है।
महाराष्ट्र में 5% से कम बकाया
पाटिल ने कहा कि, महाराष्ट्र में किसानों का बकाया राष्ट्रीय गन्ना बकाया के तुलना में 5% से कम हैं। देश में सबसे बड़ा चीनी उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश का गन्ना बकाया में उच्चतम हिस्सा है। उत्तर प्रदेश ने केंद्र सरकार द्वारा तय निष्पक्ष और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) से अधिक भुगतान का फैसला लिया था।
केंद्र सरकार के राहत पॅकेज से फायदा
देश में चीनी बिक्री में कमी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 2017-18 में कीमतों में लगातार गिरावट देखी जा रही है। इससे देश का चीनी उद्योग आर्थीक समस्या से गुजर रहा था, इसीलिए जून 2018 में केंद्र सरकार ने चीनी उद्योग के लिए 7,000 करोड़ रुपये का पैकेज घोषित किया था। और तो और चीनी की न्यूनतम बिक्री कीमत 29 रुपये प्रति किलो और निर्यात को प्रोत्साहन भी दिया गया। पाटिल ने कहा, इस पैकेज ने महाराष्ट्र में चीनी मिलों को चीनी बिक्री और बकाया भुगतान करने में मदद की है।
इस साल चीनी का फिर बम्पर उत्पादन
हालांकि, अगले वर्ष के चीनी उत्पादन अधिक होने के अनुमानों ने अभी से चिंता बढ़ रही है। उद्योग निकाय, इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन ने अगले वर्ष उत्पादन में 8.5-10% की वृद्धि का अनुमान लगाया है। आईएसएमए के मुताबिक अगले वर्ष चीनी का उत्पादन 322 लाख टन से बढ़कर 350 से 355 लाख टन हो जाएगा। शीर्ष उत्पादक यूपी में चीनी उत्पादन 9-12% और महाराष्ट्र में 3-8% बढने का अनुमान है।
चीनी भंडारण की दिक्कतों का सामना
आईएसएमए का अनुमान है कि, 2018-19 में देश का चीनी उत्पादन दुनिया में सबसे ज्यादा होगा और इसके चलते 70 लाख टन चीनी निर्यात आवश्यक हैं। देश में 35 से 35.5 मिलियन टन (350-355 लाख टन) और लगभग 10.2 मिलियन टन (102 लाख टन) के अतिरिक्त उत्पादन की उम्मीद हैं। आईएसएमए के महानिदेशक अभिनव वर्मा ने कहा,चीनी की उत्पादन मिलों के उपलब्ध भंडारण क्षमता से काफी अधिक होगा और मिलों को चीनी भंडारण की दिक्कतों का सामना करना पड सकता है।
निर्यात को देना होगा बढावा
कीट हमले सें महाराष्ट्र में गन्ना फसल कुछ हद तक प्रभावीत हुई है और इसके कारण सहकारी चीनी कारखानों के राष्ट्रीय संघ नें महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन घटने का अनुमान लगाया है। फेडरेशन के एमडी प्रकाश नायकनावर ने कहा, चीनी उत्पादन 320 लाख टन से बढ़कर 330 लाख टन हो जाने की उम्मीद है। हालांकि, उत्पादन पिछले साल की तुलना में अभी भी अधिक है । उन्होंने कहा, केंद्र सरकार को चीनी निर्यात और कीमत में कोई गिरावट न हो इसके लिए कदम उठाने होंगे।