मुंबई: महाराष्ट्र ने गन्ना भुगतान के मामलें में देश के सबसे बड़े गन्ना उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश के मुकाबले अच्छा प्रदर्शन किया है। आपको बता दे, गन्ना और चीनी उत्पादन के मामलें में सबसे पहले नंबर पर उत्तर प्रदेश है और उसके बाद महाराष्ट्र आता है। महाराष्ट्र ने पिछले सीजन की तुलना में गन्ना भुगतान में तेजी दिखाई है।
द हिन्दू बिजनेसलाइन में प्रकाशित खबर के मुताबिक, महाराष्ट्र में चीनी मिलों ने 31 जुलाई तक गन्ना किसानों को 30,418.01 करोड़ रुपये का एफआरपी (FRP) का भुगतान किया है। पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में, इस वर्ष की FRP अधिक है, इसमें कुल मिलाकर 16,689 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है। जुलाई 2020 में चीनी मिलों ने 13,728.94 करोड़ रुपये एफआरपी का भुगतान किया था, जो कि कुल देय एफआरपी का लगभग 95 प्रतिशत था। हालांकि, इस साल मिलों ने कुल 30,809.91 करोड़ देय एफआरपी का लगभग 99 प्रतिशत भुगतान करके एक रिकॉर्ड बना दिया है। उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और देश के अन्य सभी गन्ना उत्पादक राज्यों की तुलना में गन्ना मूल्य भुगतान में महाराष्ट्र सबसे आगे है।
4 अगस्त को जारी महाराष्ट्र चीनी आयुक्त कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार, मिलों के पास केवल 1.28 प्रतिशत यानी 391.90 करोड़ एफआरपी बकाया है।पेराई सत्र शुरू करने वाली 190 मिलों में से 141 चीनी मिलों ने 100 प्रतिशत एफआरपी का भुगतान किया है। वहीं, 49 मिलों को बकाया भुगतान करना है।चीनी आयुक्त ने 32 मिलों को बकाया की वसूली के लिए राजस्व वसूली प्रमाणपत्र (RRC) जारी किया है। पिछले पेराई सत्र के का 321 करोड़ रुपये का एफआरपी मिलों के पास लंबित है।
वही अगर उत्तर प्रदेश की बात करे तो, अभी कई चीनी मिलों द्वारा शत प्रतिशत भुगतान नहीं हुआ है और सरकार भुगतान करवाने के लिए पूरी कोशिश कर रही है।
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