औरंगाबाद: गढ़चिरौली और नंदुरबार जिलों में 30,000 लीटर की दैनिक क्षमता वाली बांस (Bamboo) से एथेनॉल उत्पादन के लिए महाराष्ट्र की पहली रिफाइनरी प्रौजेक्ट बनाई जाएंगी। शुक्रवार को हैदराबाद में नागार्जुन ग्रुप और लातूर जिले के लोदगा बैंबू इंडस्ट्रीज (Lodga Bamboo Industries) के बीच प्रोजेक्ट का एग्रीमेंट हुआ।लोदगा बैंबू इंडस्ट्रीज की ओर से विधान परिषद के पूर्व सदस्य पाशा पटेल और नागार्जुन समूह के डॉ बनब्रत पांडे ने समझौते पर हस्ताक्षर किए।
द टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर के मुताबिक, पटेल ने कहा की, यह परियोजना बांस से प्रति दिन 30,000 लीटर एथेनॉल का उत्पादन करने वाली पहली परियोजना होगी। उन्होंने कहा कि, यह परियोजना पिछले चार वर्षों में किसानों की आजीविका और सुरक्षा और वैश्विक जलवायु लचीलापन के लिए प्रमुख संसाधन के रूप में बांस को बढ़ावा देने के अथक प्रयासों की प्राप्ति है। केंद्र सरकार ने 2025 तक पेट्रोल के साथ 20% एथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य तय किया है। एथेनॉल प्लांट की कच्चे माल की जरूरतों को पूरा करने के लिए सालाना 1,500 एकड़ में उगाए गए 60,000 टन बांस की जरूरत होगी। बांस आधारित एथेनॉल को चुनने के कारणों का हवाला देते हुए, पटेल ने कहा, बांस अपने विकास के दौरान कार्बन पृथक्करण में योगदान देगा और जीवाश्म ईंधन को न जलाने के कारण कार्बन उत्सर्जन में भारी कमी आएगी।