मुंबई : मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में हुई मंत्रिस्तरीय समिति की बैठक में राज्य में इस साल का पेराई सीजन 15 अक्टूबर से शुरू करने का फैसला लिया गया। मुख्यमंत्री शिंदे ने चीनी उत्पादन के मामले में महाराष्ट्र को विश्व में तीसरे स्थान पर रहने के लिए बधाई दी।सह्याद्री गेस्ट हाउस में हुई बैठक में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल, कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार, बंदरगाह मंत्री दादाजी भुसे, सहकारिता मंत्री अतुल सावे, चीनी संघ के सदस्य और विधानसभा में विपक्ष के नेता अजीत पवार, विधायक बालासाहेब पाटिल, जयप्रकाश दांडेगांवकर, विधायक प्रकाश आवाडे, श्रीराम शेटे, सांसद धनंजय महादिक आदि उपस्थित थे।इस अवसर पर चीनी आयुक्त शेखर गायकवाड़ ने एक प्रस्तुति दी।
पिछले सीजन में करीब 200 चीनी मिलों ने पेराई में हिस्सा लिया और किसानों को 42,650 करोड़ रुपये एफआरपी का भुगतान किया गया है। राज्य ने 98 फीसदी भुगतान कर देश में सबसे आगे रहा है। बैठक में इस उपलब्धि के लिए चीनी आयुक्त शेखर गायकवाड़ को बधाई दी गयी।इस सीजन में गन्ने की खेती करीब 14 लाख 87 हजार हेक्टेयर है और राज्य में गन्ने की खेती का रकबा बढ़ गया है। इस वर्ष गन्ने का औसत उत्पादन 95 टन प्रति हेक्टेयर रहने का अनुमान है। इस सीजन में करीब 203 फैक्ट्रियां शुरू की जाएगी और अनुमान है कि इस साल 138 लाख टन चीनी का उत्पादन होगा। महाराष्ट्र ने पिछले सीजन में उत्तर प्रदेश को पीछे छोड़ते हुए 137.36 लाख मीट्रिक टन चीनी का उत्पादन किया था।
इस वर्ष पेराई मौसम औसतन 160 दिनों का रहने का अनुमान है और इस वर्ष 10.25 प्रतिशत रिकवरी के लिए 3050 रुपये प्रति मीट्रिक एफआरपी का भुगतान किया जायेगा।इस समय देश में 60 लाख मीट्रिक टन चीनी का भंडार है और महाराष्ट्र में 30 लाख मीट्रिक टन चीनी है। इस वर्ष भारत से 100 लाख मीट्रिक टन चीनी का निर्यात होने का अनुमान है, जिसमें महाराष्ट्र का हिस्सा 60 लाख मीट्रिक टन है।देश में एथेनॉल उत्पादन में महाराष्ट्र का 35 प्रतिशत हिस्सा है। प्रेजेंटेशन के दौरान कहा गया कि, अगले साल राज्य में 325 करोड़ लीटर एथेनॉल का उत्पादन होगा। इस समय चीनी निर्यात के लिए ओपन जनरल लाइसेंस (ओपन जनरल लाइसेंस) के संबंध में पिछले साल की नीति को बनाए रखने के संबंध में केंद्र सरकार को पत्र भेजने का निर्णय लिया गया।