पुणे: महाराष्ट्र राज्य चीनी श्रमिक प्रतिनिधि बोर्ड के अध्यक्ष तात्यासाहेब काले ने चेतावनी दी है की, राज्य सरकार को चीनी उद्योग में श्रमिकों के वेतन और सेवा शर्तों को तय करने के लिए तुरंत एक त्रिपक्षीय समिति का गठन करने और चीनी श्रमिकों की अतिदेय वेतन का भुगतान समेत अन्य प्रमुख मांगों को लेकर 16 दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जायेंगे। गुरुवार (28) को पुणे में चीनी श्रमिकों के प्रतिनिधिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया। इस बैठक में अध्यक्ष तात्यासाहेब काले के साथ महासचिव शंकरराव भोसले, कार्यकारी अध्यक्ष अविनाश आपटे, राउसाहेब पाटिल, राज्य चीनी श्रमिक महासंघ के अध्यक्ष कॉमरेड पी. के. मुंडे, आनंदराव वायकर और अन्य प्रतिनिधि उपस्थित थे।
पुढारी में प्रकाशित खबर के मुताबिक, महाराष्ट्र राज्य चीनी श्रमिक प्रतिनिधि बोर्ड चीनी उद्योग का एक पंजीकृत और मान्यता प्राप्त निकाय है। राज्य में चीनी उद्योग और संबद्ध उद्योगों के सभी श्रमिकों का वेतन वृद्धि समझौता 31 मार्च 2024 को समाप्त हो गया है। इससे पहले बोर्ड ने 10 फरवरी 2024 को वेतन बढ़ोतरी की मांग में बदलाव का नोटिस जारी किया था। इसके अलावा 27 फरवरी को मुख्यमंत्री, सहकारिता मंत्री, श्रम मंत्री, चीनी आयुक्त, राज्य सहकारी चीनी कारखाना संघ और अन्य को मांगों का मसौदा भेजने के बावजूद कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। लीज एवं पार्टनर एवं बिकी हुई तथा निजी चीनी मिलों के श्रमिकों को त्रिपक्षीय समिति के समझौते के अनुसार भुगतान किया जाये तथा उनका बकाया प्राथमिकता से प्राप्त हो। इस संबंध में स्थानीय संगठनों की सहमति से एक समझौता किया जाना चाहिए। साथ ही बोर्ड के अध्यक्ष काले और महासचिव शंकरराव भोसले ने सरकार से कृषि निगम में कर्मचारियों के लंबित मुद्दों को हल करने की मांग की है।