महाराष्ट्र: राज्य में चीनी मिलें इथेनॉल उत्पादन को बढ़ाने के लिए तैयार…

पुणे, महाराष्ट्र: महाराष्ट्र की कई सारी मिलों ने पेराई सीजन के पहले दिन से, इथेनॉल उत्पादन शुरू किया है। अधिकांश मिलें बी हैवी मोलासिस से इथेनॉल उत्पादन कर रही है। कुल 41 चीनी मिलों ने बी हैवी मोलासिस से इथेनॉल का उत्पादन शुरू कर दिया है, जबकि नौ मिलें शुगर सिरप से उत्पादन कर रही हैं। इसके अलावा, छह मिलें ब्राजीलियाई चीनी मिलों की तर्ज पर गन्ने के रस से सीधे इथेनॉल का उत्पादन कर रही हैं। पेट्रोल में इथेनॉल के सम्मिश्रण प्रतिशत को बढ़ाने और देश के कच्चे तेल आयात बोझ को कम करने के लिए, केंद्र सरकार इथेनॉल के उत्पादन पर जोर दे रही है। चीनी मिलों को इथेनॉल के उत्पादन की दिशा में गन्ने के रस से सीधा इथेनॉल के उत्पादन के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर के मुताबिक, चीनी आयुक्त कार्यालय के आंकड़ों से पता चलता है कि, जिन 41 चीनी मिलों ने बी हैवी मोलासिस से इथेनॉल का उत्पादन शुरू कर दिया है, उनके द्वारा लगभग 39 करोड़ लीटर का उत्पादन होने की उम्मीद है। इसी प्रकार, नौ मिलें शुगर सिरप से, जबकि नौ मिलें गन्ने के रस से सीधे उत्पादन कर रही हैं। इनसे क्रमशः 11.42 करोड़ लीटर और 3 करोड़ लीटर इथेनॉल उत्पादन की उम्मीद है। चीनी मिलों द्वारा कुल 62 करोड़ लीटर इथेनॉल के उत्पादन की उम्मीद है, जिसमें सी हैवी मोलासिस से 9 करोड़ लीटर शामिल है। महाराष्ट्र को इस सीजन में 110 करोड़ लीटर इथेनॉल के अपने लक्ष्य को पूरा करने की उम्मीद है, जिसमें 35 केवल इथेनॉल उत्पादन करने वाली इकाइयां भी शामिल हैं। महाराष्ट्र के इथेनॉल उत्पादन से चीनी उत्पादन का आंकड़ा घटने की उम्मीद है।

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