महाराष्ट्र: चीनी मिलें 100% यांत्रिक कटाई के लिए इच्छुक

पुणे: देश में आगामी गन्ना पेराई सीजन की तैयारी शुरू है, लेकिन कई मिलों के सामने इस सीजन में भी कटाई मजदूरों की समस्या बनी हुई है। चीनी उद्योग को उम्मीद है कि, भारत और राज्य सरकार यांत्रिक हार्वेस्टर को बढ़ावा देने के लिए मिलों का समर्थन करेंगे ताकि 100 प्रतिशत यांत्रिक कटाई जल्द ही वास्तविकता बन सके।

वेस्ट इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (WISMA) के अध्यक्ष बी.बी.ठोंबरे ने ‘बिजनेसलाइन’ को बताया की, गन्ने की यांत्रिक कटाई का कोई विकल्प नहीं है और मिलें आगामी सीज़न में अधिकतम लक्ष्य हासिल करने के लिए कमर कस रही है। मिलें सरकार (राज्य और केंद्र) के साथ इस मामले पर चर्चा कर रही हैं। हार्वेस्टर के लिए सरकारी सब्सिडी जारी करने में तेजी लाई जानी चाहिए।

एग्रीमंडी.लाइव रिसर्च के सह-संस्थापक और सीईओ उप्पल शाह ने कहा की, अमेरिका, थाईलैंड और ब्राजील जैसे कई देशों में यांत्रिक कटाई को सबसे अच्छा कृषि अभ्यास माना जाता है, जिन्होंने फसल की उपज बढ़ाने के लिए इस पद्धति को अपनाया है। यांत्रिक कटाई से भारत में चीनी कटाई का चेहरा बदल रहा है।कई चीनी मिलें यांत्रिक कटाई का उपयोग कर रही है और इससे उत्पादन में भी सुधार हुआ है।उन्होंने कहा, जैसे-जैसे अर्थव्यवस्थाएं विकसित होंगी, कृषि श्रम कम होगा, इसलिए आपको प्रौद्योगिकी की ओर बढ़ना होगा। मैं सरकार से यांत्रिक कटाई पर एक राष्ट्रीय नीति विकसित करने का अनुरोध करूंगा, जिससे गन्ने के खेतों में अधिक उपयोग होगा और चीनी मिलों को गन्ने की कुशलतापूर्वक कटाई करने में मदद मिलेगी।

इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) का अनुमान है कि, वर्तमान में भारत में लगभग 2,000 मैकेनिकल हार्वेस्टर काम कर रहे हैं, जो कुल गन्ने का लगभग 4 प्रतिशत कवर करते है। ISMA के अनुसार, यांत्रिक कटाई को अपनाना किसानों और मिल मालिकों दोनों के लिए लाभदायक है। मुख्य रूप से, यह श्रम की कमी के मुद्दे को हल करने के लिए सबसे अच्छा विकल्प है। उद्योग के खिलाड़ियों का दावा है कि, मानव श्रम की कमी जो महंगी होती जा रही है, उसे हार्वेस्टर के उपयोग से टाला जा सकता है।

मिलर्स का तर्क है कि, यांत्रिक हार्वेस्टर के उपयोग से न केवल गन्ने की समान कटाई सुनिश्चित होती है, बल्कि खेत में चरों तरफ सही मात्रा में पराली फैलती है, जिससे फसल पैदावार में काफी सुधार होता है। इससे किसानों को बिना किसी अतिरिक्त लागत के सीधे लाभ होता है।

हार्वेस्टर की मांग गन्ना कटाई मजदूरों के कल्याण को लेकर राज्य और केंद्र दोनों स्तरों पर चीनी उद्योग और सरकार के बीच चल रहे विवादों की पृष्ठभूमि में आती है। ये मजदूर, जो औपचारिक संगठन के बिना काम करते हैं, आम तौर पर श्रमिकों को मिलने वाले कल्याणकारी लाभों से वंचित हैं। चीनी मिलों ने उन्हें मिल कर्मचारियों के रूप में वर्गीकृत करने से लगातार इनकार किया है, जबकि राज्य सरकार गन्ना श्रमिकों के बच्चों के लिए अस्थायी आश्रय, अस्पताल और शैक्षिक अवसर जैसी सुविधाएं स्थापित करने के लिए मिलों की वकालत करती हैं।

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here