पुणे: महाराष्ट्र में चीनी सीजन लगभग खत्म हो गया है, और मिलों पर अप्रैल 2021 तक किसानों का कुल 1,693 करोड़ रुपये बकाया है। चीनी आयुक्त कार्यालय ने 19 मिलों को राजस्व वसूली प्रमाणपत्र (आरआरसी) जारी किया है, जो किसानों को आधे से ज्यादा भुगतान करने में भी विफल रहीं है।
इंडियन एक्सप्रेस डॉट कॉम में प्रकाशित खबर के मुताबिक, अप्रैल 2021 तक 190 चीनी मिलों ने 997.17 लाख मीट्रिक टन गन्ने की पिराई की। गन्ना उत्पादकों के साथ हुए समझौते के अनुसार इन मिलों को 22,293.34 करोड़ रुपये का उचित और लाभकारी मूल्य (FRP) देना है। अब तक, मिलों द्वारा किसानों को भुगतान की गई शुद्ध राशि 20,599.73 करोड़ रुपये है, और 1,693.91 करोड़ रुपये अब भी बकाया है।
इस साल अप्रैल तक कुल गन्ना पेराई 997.17 लाख मीट्रिक टन हुई थी, जो पिछले साल की समान अवधि के 545.83 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा है। पिछले साल के 144 की तुलना में इस साल 190 मिलों ने गन्ने की पेराई की। हालांकि, जिन मिलों ने अभी तक किसानों को पूरा भुगतान नहीं किया है, उनकी संख्या पिछले साल के 58 से बढ़कर 88 हो गई है। उनमें से 19 मिलों को चीनी आयुक्त द्वारा आरआरसी नोटिस दिया गया है,क्योंकि उन्होंने भुगतान में शत-प्रतिशत चूक की।
स्वाभिमानी शेतकारी संगठन (एसएसएस) के अध्यक्ष, पूर्व सांसद राजू शेट्टी ने कहा, मिलें किसानों को भुगतान में चूक नहीं कर सकती हैं। चीनी नियंत्रण आदेश -1966 के अनुसार, मिलों को 14 दिनों के भीतर किसानों को उचित और लाभकारी मूल्य का भुगतान करना अनिवार्य है। गन्ना-पेराई करने वाली कुल 190 मिलों में से केवल 88 ने किसानों को 100 प्रतिशत एफआरपी भुगतान किया। 29 मिलों ने 80 से 99 प्रतिशत के बीच भुगतान किया, 30 मिलों ने 60 से 79 प्रतिशत का भुगतान किया और 19 ने किसानों को शून्य भुगतान किया।