मुंबई : चीनी मंडी
महाराष्ट्र स्टेट कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज़ फेडरेशन (MSCSFF) केंद्र सरकार द्वारा घोषित लॉकडाउन के बीच 2019-20 के पेराई सत्र को पूरा करने के लिए अनुमति मांग रहा है। अधिकारियों के अनुसार, पेराई सत्र अंतिम चरण में पहुंच गया है। महासंघ के एमडी संजय खताल ने कहा, महाराष्ट्र में अभी भी कई चीनी मिलें शुरू हैं। सीज़न अपने आखिरी चरण में है और इसे बीच में नहीं रोका जा सकता है। फेडरेशन ने महाराष्ट्र के चीनी कमिश्नर सौरभ राव को जिलों के भीतर गन्ने की आवाजाही की जिला कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों द्वारा अनुमति देने कि मांग की है। उन्होंने कहा कि, संत तुकाराम सहकारी चीनी मिल को तब परेशानी का सामना करना पड़ा जब मिल के वाहनों को पुलिस ने रोक दिया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वेस्ट इंडियन शुगर मिल्स असोसिएशन (विस्मा) के एमडी अजीत चौगुले ने चीनी आयुक्त राव को लिखे एक पत्र में कहा कि, चीनी मिलों के लिए गन्ने का परिवहन महत्वपूर्ण है और इसलिए जिला कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को आवश्यक आदेश दिए जाए।
चीनी आयुक्तालय के रिपोर्ट के मुताबिक, 15 मार्च, 2020 तक 56 चीनी मिलों ने पेराई बंद कर दी है। जिसमे से 17 औरंगाबाद, 9 अहमदनगर, 9 सोलापर, 5 पुणे, 8 कोल्हापुर, 6 नादेड और 2 अमरावती की चीनी मिलें शामिल है।
खताल ने कहा कि, कुछ मिलों ने सैनिटाइजर उत्पादन शुरू करने को लेकर लाइसेंस के लिए ‘एफडीए’ को आवेदन किया है। वेस्टर्न इंडिया शुगर मिल्स एसोसिएशन ने भी अपने सदस्यों से सर्वोच्च प्राथमिकता पर सैनिटाइज़र निर्माताओं को एथिल अल्कोहल / ईएनए / इथेनॉल की तत्काल और पर्याप्त आपूर्ति करने के लिए कहा है।
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