महाराष्ट्र: चीनी उत्पादन 80.76 लाख टन तक पहुंचा, सीजन खत्म होने के करीब; एक मिल चालू

पुणे, महाराष्ट्र : महाराष्ट्र में गन्ना पेराई सीजन लगभग खत्म हो चुका है, 2024-25 सीजन में भाग लेने वाली 200 मिलों में से केवल एक मिल ही चालू है। पुणे में स्थित यह बची हुई मिल जल्द ही अपना परिचालन समाप्त कर लेगी। चीनी आयुक्तालय की एक रिपोर्ट के अनुसार, 15 अप्रैल तक राज्य की 199 चीनी मिलों ने अपना परिचालन समाप्त कर लिया था। इसमें सोलापुर की 45 मिलें, कोल्हापुर की 40 मिलें, पुणे की 30 मिलें, नांदेड़ की 29 मिलें, अहिल्यानगर की 26 मिलें, छत्रपति संभाजीनगर की 22 मिलें, अमरावती की 4 मिलें और नागपुर की 3 मिलें शामिल हैं। इसकी तुलना में पिछले सीजन की इसी अवधि तक 197 मिलें बंद हो गई थीं।

महाराष्ट्र में 2024-25 सीजन के लिए चीनी उत्पादन 807.61 लाख क्विंटल (करीब 80.76 लाख टन) तक पहुंच गया है, जो पिछले साल इसी अवधि के दौरान उत्पादित 1100.93 लाख क्विंटल से कम है। 15 अप्रैल तक, राज्य की मिलों ने पिछले सीजन के 1073.9 लाख टन की तुलना में 852.34 लाख टन गन्ने की पेराई की है। राज्य की कुल चीनी रिकवरी दर 9.48% है, जो पिछले साल इसी अवधि के दौरान 10.25% रिकवरी दर से कम है। उद्योग विशेषज्ञ पेराई सत्र के जल्दी खत्म होने का कारण कम पैदावार और पेराई क्षमता में वृद्धि को मानते हैं। चीनी उत्पादन में कमी मुख्य रूप से पेराई में देरी, एथेनॉल उत्पादन के लिए गन्ने का इस्तेमाल और पैदावार में गिरावट के कारण है।

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