महाराष्ट्र: स्वाभिमानी शेतकरी संगठन ने इस सीजन में 3,700 रुपये प्रति टन गन्ना मूल्य भुगतान की मांग की

कोल्हापुर: स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के संस्थापक और पूर्व सांसद राजू शेट्टी ने स्थानीय किसानों की ओर से जिले की चीनी मिलों को आपूर्ति किए जाने वाले गन्ने के लिए उन्हें एकमुश्त 3,700 रुपये प्रति टन भुगतान की मांग की है। आपको बता दे की, महाराष्ट्र में 2024-25 गन्ना पेराई सीजन 15 नवंबर से शुरू होने वाला है। पिछले 23 वर्षों से शेट्टी जयसिंगपुर में कोल्हापुर और सांगली के गन्ना किसानों की वार्षिक सभा की मेजबानी करते हैं, ताकि उनकी ओर से मूल्य मांग की घोषणा की जा सके और उपस्थित लोगों से इसके लिए अनुमोदन प्राप्त किया जा सके। चीनी मिलों द्वारा अर्जित मौजूदा राजस्व को देखते हुए, उन्हें किसानों को 3,700 रुपये प्रति टन का भुगतान करने की मांग की गई है।

शेट्टी ने दावा किया की, सोलापुर जिले के पंढरपुर की एक मिल ने चीनी की कम रिकवरी के बावजूद 3,500 रुपये प्रति टन गन्ना मूल्य देने की घोषणा की है, तो फिर कोल्हापुर जिले की चीनी मिलों को 3,700 रुपये प्रति टन का भुगतान करने में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। शेट्टी ने कहा कि, उन्होंने यह भी मांग की कि चीनी मिलों को 2023-24 के सीजन में गन्ने की पेराई के लिए 200 रुपये प्रति टन का अतिरिक्त भुगतान करना चाहिए, क्योंकि चीनी की स्थिर कीमतों के कारण उन्हें लाभ हुआ है। इसके अलावा, उन्होंने संकेत दिया कि वह आगामी विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं, जिसे उन्होंने 2004 में जीता था और बाद में सांसद बन गए।

शेट्टी ने कहा, महायुति और एमवीए दोनों ही किसानों का राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल करते हैं।दोनों ही दलों को ऐसे नेता पसंद नहीं हैं जो आंदोलन से निकले हों। इसलिए, किसानों को ऐसे किसी भी उम्मीदवार का समर्थन करना चाहिए जो विधानसभा में उनके मुद्दों को उठा सके। उन्होंने नागपुर और गोवा के बीच 12 जिलों से गुजरने वाले प्रस्तावित शक्तिपीठ एक्सप्रेस वे को लेकर भी दोनों प्रमुख गठबंधनों पर निशाना साधा। शेट्टी ने आरोप लगाया, एक्सप्रेस वे की लागत वास्तव में राजमार्ग बनाने की लागत से चार गुना अधिक होगी। उन्होंने यह भी कहा की, एमवीए नेताओं से जब पूछा गया कि क्या वे सत्ता में आने पर महायुति सरकार द्वारा प्रस्तावित परियोजना को रद्द कर देंगे, तो वे चुप ही रहते हैं।

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