पुणे: चीनीमंडी
महाराष्ट्र में चीनी मिलों द्वारा इस सीझन का केवल 4% एफआरपी भुगतान बकाया है। इसे यह अंदाजा लगाया जा सकता है की जल्द महाराष्ट्र में एफआरपी का पूरा भुगतान किया जा सकता है। वर्तमान सीजन में, चीनी आयुक्तालय द्वारा 96 प्रतिशत एफआरपी की रिकॉर्ड वसूली की गई है। 195 चीनी मिलों में से 114 मिलों ने जून तक 100 प्रतिशत एफआरपी भुगतान किया है और 81 मिलें 100 प्रतिशत एफआरपी भुगतान करने में नाकाम रही हैं। उन 81 मिलों को राजस्व वसूली प्रमाणपत्र (आरआरसी) नोटिस जारी किए गए हैं।
वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान,195 मिलों द्वारा पेराई की गई। मिलों द्वार आभी तक 22 हजार 137 करोड़ एफआरपी राशि किसानों के सीधे बैंक खातों में जमा की गई है। इसमें 114 मिलों ने 100 प्रतिशत एफआरपी का भुगतान किया है। 59 मिलों ने 80 से 99 प्रतिशत और 16 मिलों ने 60 से 70 प्रतिशत एफआरपीपी भुगतान किया हैं। 6 मिलों ने अभी तक एफआरपी का एक पैसा भी भुगतान नही किया है। 58 मिलों को आरआरसी नोटिस जारी किए गए हैं। इस बीच, 2011 से, बकाया एफआरपी की राशि लगभग 249 करोड़ है।
2018-19 सीजन के दौरान, 195 मिलों ने 952.11 लाख मीट्रिक टन गन्ने की पेराई की और 23 हजार 116 करोड़ रुपये एफआरपी में से 22 हजार 137 करोड़ की एफआरपी राशि (96%) का भुगतान किया। जून के अंत तक 996 करोड़ रुपये (4 प्रतिशत) एफआरपी भुगतान बकाया है।
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