महाराष्ट्र: WISMA का सीजन 2024-25 में राज्य में करीब 100 से 102 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान

पुणे: वेस्ट इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (WISMA) की कार्यकारी बोर्ड की बैठक मंगलवार (20 दिसंबर) को संगठन के अध्यक्ष बी. बी. ठोंबरे की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। इस बैठक में चीनी उद्योग के विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई।

WISMA के मुताबिक, चालू पेराई सत्र में 18 दिसंबर, 2024 तक प्रदेश की 94 सहकारी एवं 92 निजी चीनी मिलों सहित कुल 186 चीनी मिलों ने 233.67 लाख टन गन्ने की पेराई कर 19.26 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है। औसत चीनी रिकवरी 8.24 प्रतिशत रही। कोल्हापुर डिविजन – 9.68, पुणे – 8.34, नांदेड़ – 8.34, अमरावती – 7.88, अहमदनगर – 7.62, सोलापुर – 7.33, छत्रपति संभाजीनगर – 6.89, नागपुर डिविजन – 5 प्रतिशत है। डिवीजन के अनुसार पुणे डिवीजन में सबसे अधिक 59.66 लाख टन गन्ने की पेराई हुई है, इसके बाद कोल्हापुर डिवीजन में 53.11 लाख टन गन्ना पेराई हुई है।

गन्ने की फसल की विभागवार समीक्षा के दौरान यह देखा गया कि, अप्रैल से जून दौरान राज्य में शुष्क मौसम और उसके बाद नवंबर तक भारी बारिश के कारण गन्ने के जल्दी पकने, विकास में कमी और वृद्धि में कमी के कारण प्रति हेक्टेयर उपज में कमी आई है। इसी प्रकार, राज्य में चीनी की औसत पैदावार भी पिछले वर्ष की तुलना में थोड़ी कम होने की संभावना है। अनुमान है कि, चालू पेराई सीजन 2024-25 में 100 से 102 लाख टन चीनी उत्पादन होगा। अनुमान है कि 12 लाख टन चीनी को एथेनॉल के लिए डायवर्ट किया जाएगा। इस प्रकार सर्वसम्मति से यह अनुमान लगाया गया कि कुल शुद्ध चीनी उत्पादन 90 लाख टन होगा।

राज्य के स्थानीय बाजार में चीनी की कीमत 3300 से 3400 प्रति क्विंटल है, यह औसत कीमत 3500 से 3600 से काफी कम है। फिलहाल चीनी को उत्पादन लागत से कम दाम पर बेचना पड़ रहा है। चीनी की बिक्री से होने वाली आय उत्पादन लागत से कम होने के कारण फैक्ट्रियों को घाटा हो रहा है। इसके लिए केंद्र सरकार से मांग की गई कि, चीनी उद्योग के हित में चीनी का न्यूनतम बिक्री मूल्य तत्काल 41 रुपये प्रति किलोग्राम से ऊपर बढ़ाया जाए। गन्ना सीजन 2024-25 के लिए गन्ने के न्यूनतम खरीद मूल्य (एफआरपी) में वृद्धि के कारण, चीनी उत्पादन की लागत के साथ-साथ एथेनॉल उत्पादन की लागत में वृद्धि हुई है। बैठक में केंद्र सरकार से चीनी, गन्ने के रस, बी हैवी, सी हैवी से 3 रुपये से 5 रुपये प्रति लीटर की तत्काल बढ़ोतरी की मांग की गई।

एथेनॉल वर्ष 2024-25 के लिए तेल कंपनियों द्वारा 6 दिसंबर 2024 को प्रकाशित एथेनॉल निविदा में उल्लेख किया गया है कि, सहकारी चीनी मिलों द्वारा उत्पादित एथेनॉल की आपूर्ति को प्राथमिकता दी जाएगी। निजी कारखानों द्वारा उत्पादित एथेनॉल को तीसरे राजस्व के लिए प्राथमिकता के आधार पर खरीदा जाएगा। इसलिए, इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की गई क्योंकि यह निजी चीनी उद्योग के लिए एक संकट पैदा कर सकता है। ऐसी दमनकारी स्थितियों से राहत पाने के लिए सरकार को आवेदन देने का फैसला लिया गया। इस अवसर पर चीनी उद्योग के अन्य कई ज्वलंत मुद्दों पर गहन चर्चा की गई।

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