महाराष्ट्र: चीनी उद्योग द्वारा अगले तीन साल में ढाई लाख करोड़ रूपये का कारोबार करने का अनुमान

पुणे / कोल्हापुर: राज्य के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने वाला चीनी उद्योग प्रगति की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। 2022 – 2023 सीजन में प्राकृतिक आपदा के दौरान भी यह 1 लाख 8 हजार करोड़ का कारोबार करने में कामयाब रही। इस क्षेत्र के विशेषज्ञों के अनुसार, चीनी के साथ-साथ एथेनॉल, बिजली, कंप्रेस्ड बायोगैस, ग्रीन हाइड्रोजन जैसे विभिन्न उत्पादों के कारण महाराष्ट्र के चीनी उद्योग का कुल कारोबार अगले तीन साल में बढ़कर ढाई से तीन लाख करोड़ रुपये हो जाएगा। चीनी आयुक्त शेखर गायकवाड़ ने भी भविष्यवाणी की है कि, राज्य के चीनी उद्योग का कारोबार अगले तीन साल तक ढाई लाख करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगा।

इस बारे में ‘चीनीमंडी’ से बात करते हुए वेस्ट इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (WISMA) के कार्यकारी निदेशक अजीत चौगुले ने कहा कि, इस साल गन्ना प्राकृतिक आपदा की चपेट में आया था, लेकिन राज्य में फिर भी 105.27 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है। साथ ही चीनी मिलें 130 करोड़ लीटर एथेनॉल उत्पादन करने में सफल रही हैं। चीनी, एथेनॉल और अन्य उप-उत्पादों से इस साल चीनी उद्योग का कुल कारोबार 1 लाख 8 हजार करोड़ हो गया है।

चौगुले ने कहा, अगले तीन वर्षों में गन्ना क्षेत्र और उत्पादन में वृद्धि, चीनी के साथ एथेनॉल में बढ़ोतरी, साथ ही ग्रीन हाइड्रोजन, संपीड़ित जैव गैस, बिजली जैसे उप-उत्पादों का उत्पादन चीनी उद्योग के कारोबार में इजाफा करेगा। चौगुले ने कहा कि, इससे अगले तीन साल में ढाई लाख करोड़ का कारोबार संभव है।

उप-उत्पादों से अतिरिक्त आय…

केंद्र सरकार ने 2025 तक 20 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए चीनी मिलों को बहुत बड़ी भूमिका निभानी होगी।चीनी के साथ-साथ चीनी मिलें एथेनॉल उत्पादन में भी बढ़ोतरी कर रही हैं। राज्य की चीनी मिलों ने इस साल 130 करोड़ लीटर एथेनॉल का उत्पादन किया है। इससे फैक्ट्रियों की आमदनी में भी काफी इजाफा हुआ है। कंप्रेस्ड बायोगैस, ग्रीन हाइड्रोजन भी भविष्य में चीनी उद्योग के कारोबार में बहुत कुछ जोड़ने जा रहे हैं।

2022 – 2023 चीनी सीजन पर एक नजर…

पेराई सीजन में सहकारी और निजी दोनों तरह की कुल 210 चीनी मिलों ने भाग लिया। 15 मई तक के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में 1053.66 लाख मीट्रिक टन गन्ने की पेराई हुई है, और 105.27 लाख टन चीनी का उत्पादन किया गया है। इस सीजन में राज्य में मिलों द्वारा 33,477 करोड़ रुपये में से 32,233 करोड़ रुपये (96.28 प्रतिशत) का भुगतान किया जा चुका है। मिलों द्वारा अब 1244 करोड़ रुपये एफआरपी भुगतान बकाया है। 105 फैक्ट्रियों ने शत-प्रतिशत भुगतान कर दिया है।

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