नई दिल्ली : सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को स्पष्ट किया कि वे पेट्रोल और डीजल वाहनों के खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा कि, उनके बयानों की कभी-कभी गलत व्याख्या की जाती है। 64वें ACMA वार्षिक सत्र को संबोधित करते हुए, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत को ईंधन आयात के लिए लागत प्रभावी, प्रदूषण मुक्त और घरेलू रूप से उत्पादित विकल्प खोजने की जरूरत है। गडकरी ने सवाल किया कि, उपभोक्ता केवल पेट्रोल और डीजल वाहनों पर ही क्यों जोर देते है। बजाज ऑटो की सीएनजी मोटरसाइकिल ‘फ्रीडम’ के बारे में, गडकरी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि इसकी चलने की लागत ₹1 प्रति किलोमीटर है, जबकि पेट्रोल मोटरसाइकिलों के लिए कम से कम ₹2.5 प्रति किलोमीटर है।
मंत्री गडकरी ने कुछ कृषि उत्पादन को ऊर्जा क्षेत्र में स्थानांतरित करने के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने बताया कि, भारत की 65-70% आबादी कृषि में काम करती है, लेकिन सकल घरेलू उत्पाद में उनका योगदान केवल 12% है। उन्होंने कहा, इसलिए हमें कृषि (उत्पादन) में कुछ विविधता लाने की जरूरत है, जैसे कि ऊर्जा और बिजली क्षेत्र में गन्ने के रस से एथेनॉल, मोलासेस से एथेनॉल, मक्का से एथेनॉल। मंत्री गडकरी ने कहा, पिछले साल मक्का का भाव 1,200 रुपये प्रति क्विंटल था। वाणिज्यिक मूल्य एमएसपी से कम था। आज मक्का से इथेनॉल उत्पादन के कारण बिहार और यूपी में भाव 2,800 रुपये प्रति क्विंटल है। किसानों को अब दोगुना दाम मिल रहा है और साथ ही हम अपने आयात को कम कर रहे हैं। मैं किसी के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन जब आर्थिक व्यवहार्यता है, आपको अच्छा बाजार मिल रहा है, तो आप केवल पेट्रोल और डीजल पर क्यों जोर देते हैं, आपके पास विकल्प होना चाहिए।