लखनऊ: 09 दिसम्बर, 2019
गन्ना कृषकों के व्यापक हित में प्रदेश के आयुक्त, गन्ना एवं चीनी श्री संजय आर. भूसरेड्डी द्वारा पेराई सत्र 2019-20 के प्रारम्भ से ही घटतौली की कुप्रथा को जड़ से मिटाने के लिए कवायद तेज कर दी गई है। जिसके तहत जिला प्रशासन और विभागीय अधिकारियों को क्रय केन्द्रों पर घटतौली रोकने के सम्बन्ध में व्यापक निर्देश जारी किये गये है।
इस संबंध में जानकारी प्रदान करते हुये गन्ना आयुक्त द्वारा बताया गया कि पेराई सत्र 2019-20 हेतु जिन तौल लिपिकों को लाइसेंस प्राधिकारी/जिला मजिस्ट्रेट द्वारा तौल हेतु लाइसेंस प्रदान किये गये हैं वह सभी तौल लिपिक गन्ना क्रय केन्द्रों पर तौल करते समय अपने लाइसेंस के साथ पहचान-पत्र अनिवार्य रूप से प्रदर्शित करेंगे। जिससे आसानी से तौल लिपिक की पहचान की जा सकें। जिन तौल लिपिकों के लाइसेंस जारी होेने की प्रक्रिया में है उनके लाइसेन्स शीघ्र जारी करने हेतु सम्बन्धित जिलों के जिला अधिकारियों को भी निर्देष जारी कर दिये गये हैं।
आयुक्त द्वारा यह भी बताया गया कि तौल लिपिको के पाक्षिक स्थानान्तरण को पारदर्शी बनाये जाने के लिए अब प्रत्येक तौल लिपिक को एक यूनिक कोड आवंटित करते हुए लाटरी सिस्टम से पाक्षिक स्थानान्तरण किया जाएगा तथा स्थानीय निवासी को उसी ग्राम में स्थापित क्रय केन्द्र पर तौल लिपिक के रूप में तैनाती न किये जाने के निर्देश भी दियेे गये हैं।
प्रत्येक क्रय केन्द्र पर फ्लैक्स/आयरन बोर्ड पर क्षेत्रीय अधिकारियों के मोबाईल नम्बर एवं गन्ना आयुक्त कार्यालय के कन्ट्रोल रूम का टोल-फ्री नम्बर 1800-121-3203 एवं गन्ना पर्ची सम्बंधी जानकारी हेतु टोल-फ्री नम्बर 1800-103-5283 अनिवार्य रूप से उचित स्थान पर प्रदर्शित किया जायेगा, जिससे किसी प्रकार की अव्यवस्था की स्थिति में गन्ना कृषक विभाग को अपनी समस्याओं से अवगत करा सकेगे। घटतौली पाये जाने पर सम्बन्धित चीनी मिल के साथ-साथ तौलन यन्त्र विनिर्माता कम्पनी के विरूद्व सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कराये जाने के निर्देश भी दिये गये है।
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