मांड्या: पानी के अभाव में गन्ना क्षेत्र में सूखे की चिंता

मांड्या: कावेरी बेसिन में अपेक्षित वर्षा नहीं होने के कारण केआरएस जलाशय का स्तर अपेक्षित स्तर तक नहीं पहुंच पाया है। परिणामस्वरूप, कावेरी नीरावरी निगम लिमिटेड (CNNL) ने मांड्या जिले की प्रमुख फीडर नहर, विश्वेश्वरैया नहर (VC) में पानी छोड़ना बंद कर दिया है। गन्ना किसान भी पानी छोड़े जाने की मांग को लेकर सड़कों को अवरुद्ध करने और शहर में सीएनएनएल कार्यालय के सामने धरना देने के बाद विरोध प्रदर्शन कर रहे है।

द टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर के मुताबिक, फिलहाल जिले में 43,495 हेक्टेयर में गन्ने की फसल लगी है, जो पानी के अभाव में सूख रही है। विश्वेश्वरैया नहर में पानी छोड़ने का निर्णय लेने में सरकार मुश्किल स्थिति में दिख रही है। जहां शहरी क्षेत्रों में पीने के पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए नहर का पानी रोक दिया गया है, वहीं किसान अपनी खड़ी फसलों को बचाने और करोड़ों रुपये के नुकसान से बचने के लिए पानी की मांग कर रहे है।

पानी पीने और कृषि दोनों उद्देश्यों के लिए आवश्यक है। गन्ना उत्पादक संघ के अध्यक्ष कुरबुर शांता कुमार ने कहा, हम सरकार से किसानों के साथ-साथ अधिकारियों के साथ चर्चा करने का अनुरोध कर रहे है, ताकि एक साझा फॉर्मूला तैयार किया जा सके जिससे कृषक समुदाय और आम जनता दोनों को फायदा हो। यदि वीसी को पानी छोड़ा जाए तो यह अगले कुछ सप्ताह तक ही कृषि संबंधी जरूरतों को पूरा कर सकता है। बाद में अधिकारियों के लिए पानी छोड़ना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि, केवल अच्छी बारिश ही स्थिति को कम करने में मदद करेगी।

केआरएस जलाशय में 124.8 फीट के अधिकतम स्तर के मुकाबले 20 जुलाई को जल स्तर 90.1 फीट था। 49.452 टीएमसी पानी की अधिकतम भंडारण क्षमता के मुकाबले, इसमें 15.997 टीएमसी पानी है। बांध में 1,863 क्यूसेक पानी आ रहा है, जबकि कुल बहिर्प्रवाह 401 क्यूसेक है। केआरआरएस मांड्या जिला अध्यक्ष केम्पेगौड़ा ने कहा, हमें पानी के लिए अधिकारियों से संपर्क किए नौ दिन हो चुके है।सरकार को हमारी फसलों को बचाने के लिए पानी छोड़ने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। अधिकारियों से अनुरोध करने के बावजूद, उन्होंने अभी तक हमारी मांगों का जवाब नहीं दिया है।

मांड्या जिले में 43,495 हेक्टेयर गन्ने की खेती में से, मांड्या तालुका में 11,627 हेक्टेयर है, इसके बाद केआर पेट (10,660 हेक्टेयर), मद्दूर (9,525 हेक्टेयर), पांडवपुरा (5,325 हेक्टेयर) और श्रीरंगपट्टनम (4,225 हेक्टेयर) हैं। सूत्रों के मुताबिक, सीएनएनएल ने मैसूर क्षेत्रीय आयुक्त से वीसी के लिए पानी छोड़ने के निर्देश मांगे है।सूत्रों ने बताया कि, यह मामला अब जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के पास लंबित है।मेलुकोटे के विधायक दर्शन पुत्तननैया ने टीओआई को बताया कि, वे पानी छोड़ने की दिशा में काम कर रहे हैं।

 

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