पुणे: चीनी मंडी
बाढ के कारण कोल्हापुर और सांगली जिले में हजारो एकड गन्ना फसल बर्बाद हो चुकी है। और साथ ही साथ मराठवाडा, विदर्भ के कई जिलों में चारे की कमी से पशुओं के चारे के लिए गन्ना बेचा गया, इसके चलते चीनी उत्पादन पर भी असर पड़ेगा। चीनी उद्योग के अनुमान अनुसार, सीजन 2019-2020 में 65 लाख टन चीनी उत्पादन होने की उम्मीद है।
इस साल भारी वर्षा और बाढ ने पश्चिमी महाराष्ट्र के खेती को काफी बुरी तरह से प्रभावित कर दिया है। जो गन्ना फसल बाढ के पानी के निचे थी, वह खराब हुई है। राज्य के गन्ना क्षेत्र से पहचाने जाने वाले कोल्हापुर और सांगली जिलों में उत्पादन बहुत कम होने की संभावना है, जिससे चीनी सीजन में मिलों को पेराई के लिए बहुत ही कम गन्ना उपलब्ध हो सकता है। सांगली और कोल्हापुर जिलों के साथ-साथ मराठवाड़ा में चीनी मिलों को क्रशिंग में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। सूखे के कारण, मराठवाड़ा में कई मिलों द्वारा पूरी क्षमता से क्रशिंग सीजन पूरा होने की संभावना नहीं है। खबरों के मुताबिक, 2018-2019 सीजन के मुकाबले, इस बार 195 मिलों में से केवल 165 मिलें ही गन्ना पेराई में भाग लेंगी।
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