सोलापुर : चीनी मंडी
सोलापुर में गन्ना फसल सुखे से काफी प्रभावित हुई है। सूखे के कारण जानवरों के लिए गन्ने का बड़े पैमाने पर उपयोग किया गया है। एक तरफ सूखे की वजह से गन्ने की कमी और दूसरी तरफ विधानसभा चुनाव के शोरगुल के कारण इस साल चीनी पेराई सीजन देरी से शुरू होगा। पिछले मौसम में सोलापुर जिले में गन्ने की अच्छी फसल थी और 31 मिलों ने पेराई में हिस्सा लिया था, लेकिन इस साल गन्ने के क्षेत्र में कमी की वजह से केवल 23 मिलों ने चीनी आयुक्त कार्यालय को पेराई लाइसेंस के लिए आवेदन किया है। खबरों के मुताबिक, चीनी आयुक्त कार्यालय द्वारा 15 नोव्हेंबर से गन्ना पेराई सीजन शुरू करने का ऐलान किया जा सकता है।
सूखे के कारण कई सारे किसानों ने गन्ना बुआई से मुह फेर लिया है। जिन किसानों के पास खुद की पानी की व्यवस्था है, केवल उन्ही किसानों ने गन्ने की फसल उगाई है। लेकिन उनमें से कई सारे किसानों ने गन्ना चारे के रूप में बेच दिया है।
दस चीनी मिलर्स विधानसभा चुनाव में आजमा रहे है किस्मत…
देश में सबसे अधिक चीनी उत्पादक जिले के रूप में सोलापुर को जाना जाता है, इस जिले के दस चीनी मिलर्स विधानसभा चुनाव में विभिन्न राजनीतिक दलों के माध्यम से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। जिसमे एनसीपी के चार, शिवसेना के तीन, भाजपा के दो और कांग्रेस का एक उम्मीदवार हैं। पंढरपुर और करमाला इन दो सीटों पर चीनी मिलर्स एक-दूसरे के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। चीनी मिलों से काफी पुराना रिश्ता रखनेवाले मोहित-पाटिल परिवार में से कोई भी इस बार चुनाव नही लड़ रहा हैं।