सोलापुर: देश में सबसे अधिक चीनी मिलों की पहचान से जाने वाले जिल्हा सोलापुर पे बहुत ही बड़ी संकट आ पड़ी है। इस साल गन्ने की पेराई के लिए इस्तेमाल होने वाले एक लाख 4 हज़ार हेक्टेयर गन्ने में से 20 से 30 फ़ीसदी गन्ने का इस्तेमाल जानवरों के चारा के लिए किया गया है। आने वाले गन्ने की पेराई के सीजन में 32 में से सिर्फ 22 चीनी मिलें ही चलने की संभावना है क्यूंकि पानी के आभाव के कारण भी गन्ने के उत्पादन पर बड़ा असर पड़ा है। अगर कम चीनी मिलें चलेंगी, तो चीनी उत्पादन भी अपेक्षित से कम होगी।
जुलाई खत्म होने के कगार पर है और बारिश की कमी के कारण नए गन्ने के बुवाई पर असर पड़ा है। यह सब कारण के वजह से आने वाले चीनी सीजन में जिल्हे की चीनी मिलों को दिक्कतों का सामना कर पड़ सकता है।
देश के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन, 2019-20 सीजन में 64 लाख टन हो सकता है।
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