औरंगाबाद: पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और अन्य सक्षम अधिकारियों से हरी झंडी मिलने के बाद मराठवाड़ा में उस्मानाबाद जिले के कलंम्ब तालुका के रांजनी में पहला जैव संपीड़ित प्राकृतिक गैस (Bio compressed natural gas-CNG Plant) प्लांट स्थापित होगा। इस परियोजना में मिलों द्वारा चीनी बनाने के दौरान उत्पादित अपशिष्ट उप-उत्पाद (Press-mud), और बायोगैस संयंत्रों और क्षेत्र के उद्योगों द्वारा उत्पादित अपशिष्ट के माध्यम से पर्यावरण के अनुकूल और सस्ता ईंधन उत्पादित होगा।
टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर के मुताबिक, वेस्ट इंडिया शुगर मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष बी बी थोम्बरे के नेतृत्व में स्थापित होने वाले इस प्लांट में प्रति दिन लगभग 5 टन सीएनजी उत्पादन की क्षमता है। यह परियोजना अगले कुछ हफ्तों में चालू होने की उम्मीद है। थोम्बरे ने कहा, जैव सीएनजी का उत्पादन ‘कचरे से धन’ बनाने के सिद्धांत पर आधारित है। हमारे प्लांट में किए गए परीक्षणों से पता चला है कि जैव सीएनजी पारंपरिक सीएनजी की तुलना में शुद्ध होगा। उन्होंने कहा, क्षेत्र के गरीब किसान हमारे प्लांट के लाभार्थियों में से एक होंगे क्योंकि उन्हें अपने ट्रैक्टर और कृषि मशीनरी को रियायती मूल्य पर चलाने के लिए सस्ता ईंधन मिलेगा। साथ ही ईंधन खरीदने और वितरित करने के लिए तेल कंपनियों के साथ बातचीत चल रही है। उन्होंने कहा की, इस क्षेत्र में पहला जैव सीएनजी प्लांट स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने की उम्मीद है। सस्ते ईंधन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के अलावा, प्लांट के माध्यम से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियों के कई रास्ते भी खुलेंगे।
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