नई दिल्ली: भारत में मंदी ने कई क्षेत्रों को प्रभावित किया है, और ऑटो उद्योग इससे सबसे अधिक प्रभावित है। मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के अस्थायी कर्मचारियों पर मंदी की गाज पड़ी है क्यूंकि कर्मचारियों का कॉन्ट्रेक्ट रिन्यू नहीं किया गया है।
मांग में भारी गिरावट और इन्वेंट्री को देखते हुए ऑटो उद्योग के लिए कुछ साल काफी कठिन रहा है। भारत की आर्थिक वृद्धि में मंदी के कारण पहले से ही ऑटो उद्योग में लाखों कर्मचारियों की नौकरी चली गई है।
मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के चेयरमैन आरसी भार्गव ने कहा कि कंपनी ने 3,000 अस्थायी कर्मचारियों का कॉन्ट्रेक्ट रिन्यू नहीं किया है, क्योंकि उद्योग बढ़ती कम मांग और इन्वेंट्री से जूझ रहा हैं।
सिर्फ ऑटो सेक्टर ही नहीं, अन्य भी मंदी की चपेट में आ गए। आपको बता दे, हालही में भारत की सबसे बड़ी बिस्किट बनाने वाली कंपनी पारले प्रॉडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड ने कहा था की 10,000 से ज्यादा कर्मचारियों की छंटनी करनी पड़ सकती है अगर खपत में सुस्ती बनी रही तो। कंपनी के कैटिगरी हेड मयंक शाह ने कहा था की, ‘हमने 100 रुपये प्रति किलो या उससे कम कीमत वाले बिस्किट पर GST घटाने की मांग की है। ये आमतौर पर 5 रुपये या कम के पैक में बिकते हैं। हालांकि अगर सरकार ने हमारी मांग नहीं मानी तो हमें अपनी फैक्टरियों में काम करने वाले 8,000-10,000 लोगों को निकालना पड़ेगा। सेल्स घटने से हमें भारी नुकसान हो रहा है।’
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