लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में, अकेले, सभी आगामी चुनाव लड़ने के लिए अपनी पार्टी के फैसले को दोहराया। उन्होंने 2007-2012 के दौरान राज्य निगम द्वारा संचालित 21 चीनी मिलों की विवादास्पद बिक्री पर अपनी चुप्पी तोड़ी। उन्होंने कहा की, इन मिलों की बिक्री में कुछ भी गलत नहीं था। मैं उस विभाग की प्रमुख नहीं थी। मेरे एक मंत्री ने फैसला लिया, और उसे कैबिनेट द्वारा मंजूरी दी गई थी। जैसा कि आप जानते हैं, कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय सामूहिक होता है।
योगी आदित्यनाथ सरकार ने 2018 में उन चीनी मिलों की बिक्री की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने बाद में जांच की कमान संभाली और 2019 में मामले में एफआईआर दर्ज की थी। भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) ने अपनी रिपोर्ट में इन चीनी मिलों की बिक्री के कारण 1,179.84 करोड़ के नुकसान का अनुमान लगाया था। हालांकि, मायावती ने कहा कि, बिक्री नियमों और विनियमों के अनुसार की गई थी।