चंडीगढ़: कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि, उन्हें उम्मीद है कि राज्य सरकार उत्पादन की बढ़ती लागत को ध्यान में रखते हुए गन्ने की कीमतों की सालाना समीक्षा करने के लिए एक तंत्र स्थापित करेगी। जिससें गन्ने की खेती टिकाऊ हो और फसल विविधीकरण के प्रयासों में सहायता मिले। बाजवा का यह बयान संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं के साथ बैठक के बाद मुख्यमंत्री द्वारा 2021-22 सत्र के लिए 50 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ोतरी की घोषणा के बाद आया है।
आपको बता दे की, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने पहले 2021-22 पेराई सीजन के लिए सभी गन्ना किस्मों के राज्य सहमत मूल्य (एसएपी) में 15 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी को मंजूरी दी थी। लेकिन पंजाब के हजारों किसानों ने SAP में कम से कम 70 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ोतरी की मांग को लेकर जालंधर और फगवाड़ा के बीच रेल और सड़क मार्ग अवरुद्ध कर दिए थे। राज्य सरकार द्वारा 15 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की घोषणा के बाद दोआबा किसान संघर्ष समिति ने विरोध का आह्वान किया था। राज्य भर के सभी 32 किसान संघ आंदोलन में शामिल हुए थे। आखिरकार पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को गन्ने की फसल के लिए राज्य सहमत मूल्य (एसएपी) में 50 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी। किसानों के विरोध और सरकार और किसानों के बीच कई बैठकों के बाद यह निर्णय लिया गया। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि किसान बढ़ोतरी के लिए सहमत हैं, और कहा की, यह किसानों के लिए एक ‘ऐतिहासिक उपलब्धि’ है।
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