मेरठ, उत्तर प्रदेश: किसानों का कहना है की पिछले कुछ सालों में बढती महंगाई के चलते गन्ना फसल की लगत भी बढ़ गई है, और लगत बढ़ने से किसानों की आय में असर हुआ है। अपनी आय को बढ़ाने के लिए किसानों ने पिछले कुछ सालों से सहफसली खेती पर जोर दिया है। इससे किसानों की आय बढ़ने में मदद हुई है। आलू उत्पादन के मामले में उत्तर प्रदेश राज्य देश में पहले स्थान पर है। गन्ना किसान भी आलू की खेती कर रहे है।
लाइव हिंदुस्तान में प्रकाशित खबर के मुताबिक,जिला उद्यान विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो कभी 2 से 3 हजार हेक्टेयर तक सिमटा आलू का रकबा अब 8 हजार हेक्टेयर तक पहुंच गया है। आलू की फसल 80 से 100 दिन के अंदर तैयार हो जाती है। कम समय में फसल के तैयार होने और सही दाम मिलने के चलते गन्ना किसान भी अब आलू की खेती में हाथ आजमाने लगे हैं। हालांकि जनपद में ऐसे भी बड़े किसान है जो गन्ने से ज्यादा आलू की खेती को तरजीह देते हैं। जनपद में आलू की पांच से छह प्रजातियों को सबसे ज्यादा पसंद किया जा रहा है। इसमें 3797, चिपसोना-1, चिपसोना-3, फ्राईसोना, सूर्या और ख्याति आदि प्रजाति शामिल हैं।
अरुण कुमार, जिला उद्यान अधिकारी ने कहा की, यहां के किसान गन्ने की फसल ज्यादा करते हैं। लेकिन कुछ सालों से आलू की तरफ भी किसानों का रुझान तेजी से बढ़ रहा है। अब यहां आलू का क्षेत्रफल बढ़कर 8 हजार हेक्टेयर तक पहुंच गया है। आलू के अच्छे दाम और प्रजातियों का बंपर उत्पादन देना किसानों के लिए उत्साह जगा रहा है।