मेरठ: जिले में गन्ना माफिया और अफसरों के गठजोड़ की जांच शुरू हो गई है। जिला गन्ना अधिकारी द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच समिति में से दो सदस्यों ने मंगलवार को मवाना सहकारी गन्ना विकास समिति कार्यालय पहुंचकर जांच शुरू की। जांच से संबंधित पूरा रिकार्ड मवाना समिति सचिव उपलब्ध नहीं करा पाए। समिति सदस्यों ने कहा कि जांच के लिए आने की नियत तिथि पहले ही तय कर संबंधित समिति सचिव को सूचना दी गई थी। बावजूद इसके जांच संबंधी पूरा रिकार्ड उपलब्ध नहीं करा पाए।
लाइव हिंदुस्तान में प्रकाशित खबर के अनुसार,जिला गन्ना अधिकारी ब्रजेश पटेल को नौ जुलाई को गन्ना माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने के संबंध में हस्तिनापुर क्षेत्र के ग्राम भीकुंड निवासी आरटीआई कार्यकर्ता सुरेश ने शिकायती पत्र दिया था। शिकायत के अनुसार लतीफपुर निवासी किसान अजीत सिंह और संजय सिंह का गन्ना मूल्य भुगतान वर्ष 2019-20 और 2020-21 में उनके बैंक खातों में नहीं किया गया। दोनों किसानों द्वारा आपूर्ति किए गन्ना मूल्य का भुगतान गन्ना माफिया लतीफपुर निवासी राजकुमार के बैंक रठौरा खुर्द के खाते में भेजा गया। माफिया ने बैंक से करीब आठ लाख 13 हजार रुपये आहरण कर लिए। इसी तरह मवाना सहकारी गन्ना समिति रिकार्ड के अनुसार वर्ष 2020-21 में अन्य कृषकों के नाम आपूर्ति किए गए गन्ना मूल्य का भुगतान गन्ना माफिया के बैंक खातों में कर दिया गया है। शिकायत में आरोप लगाया गया कि, इस मामले में गन्ना समिति मवाना के तत्कालीन विशेष सचिव प्रदीप शर्मा, लेखाकार शाहनवाज और गन्ना पर्यवेक्षक बनारसी शामिल रहे हैं।
आपको बता दे की,जांच समिति में इन्द्रजीत सिंह यादव के अलावा ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक दौराला सुधीर सिंह और स्थाई लिपिक सुमित प्रताप को सदस्य बनाया। मंगलवार को जांच समिति में से इन्द्रजीत सिंह व सुमित प्रताप मवाना समिति पहुंचे और जांच से संबंधित बैंक स्टेटमेंट, समिति कर्मियों की तैनाती व अन्य रिकार्ड मांगा। समिति सचिव बिक्रम बहादुर सिंह ने गन्ना मूल्य भुगतान संबंधी बैंक स्टेटमेंट उपलब्ध करा दिए, लेकिन उस समय समिति में स्थापना, लेखा खंड, सप्लाई खंड और आईटी खंड में कौन प्रभारी तैनात रहे, यह जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जा सकी। घंटों प्रतीक्षा के बाद जांच समिति आधे-अधूरे रिकार्ड लेकर लौट गई। गन्ना माफिया को नोटिस जारी नहीं
जांच समिति सदस्यों ने नाराजगी जताई कि, जब बैंक स्टेंटमेंट से साफ हो गया कि गन्ना मूल्य भुगतान किसानों के बजाय माफिया के बैंक खाते में किया गया है तो समिति सचिव को नोटिस जारी करना चाहिए था। अब तक तैनात रहे समिति सचिव जानबूझकर गन्ना माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने से बच रहे हैं। जिला गन्ना अधिकारी ब्रजेश पटेल ने कहा कि,भुगतान की हेराफेरी मामले में तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाई है। जांच शुरू कर दी है। जांच समिति की रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।