विलियमनगर: द शिलॉन्ग टाइम्स में प्रकाशित खबर के मुताबिक, Achik Organization for Social Welfare (AOSW), रोंगजेंग, ईस्ट गारो हिल्स (ईजीएच) ने राष्ट्रीय राजमार्ग 62 के माध्यम से पड़ोसी बांग्लादेश में चीनी की कथित तस्करी की जांच की मांग की है। एनजीओ ने दावा किया की, दक्षिण गारो हिल्स (एसजीएच) में बांग्लादेश सीमा के पास सीमावर्ती गांव रोंगटोटमा के लिए भारी मात्रा में चीनी ले जा रहे कुछ ट्रकों का पता लगाया है।
इससे पहले, एक अन्य एनजीओ ने असम से आने वाले चीनी ले जाने वाले ट्रकों को नोंगालबिबरा गांव के पास रोका था, जिनके पास स्पष्ट रूप से कागजात नहीं थे। जाहिर तौर पर एनजीओ ने करीब 15 ट्रक पकड़े थे, जिन्हें बाद में पुलिस की जांच के बाद छोड़ दिया गया। स्थानीय लोगों के अनुसार, असम राज्य से एसजीएच के सीमावर्ती गांवों में परिवहन बेरोकटोक जारी है।
AOSW के सचिव, बेंजामिन संगमा ने कहा, यह हमारे संज्ञान में आया है कि बांग्लादेश में चीनी की तस्करी अंतरराष्ट्रीय सीमा, खासकर दक्षिण गारो हिल्स में रोंगरा और बाघमारा के माध्यम से दिन-ब-दिन हो रही है।
एनजीओ ने कहा कि, पिछले कई महीनों से, चीनी का पूरा भार लेकर 20-40 से अधिक ट्रक एनजीएच में डेनाडुबी से ईजीएच में रोंगजेंग के माध्यम से और आगे एसजीएच की विभिन्न सीमाओं में अपना रास्ता बना रहे हैं। उनके अनुसार, यह खुलेआम हो रहा है। उन्होंने कहा, बिल की जो प्रति हमारे हाथ लगी है, उसे लीजिए और इससे पता चलता है कि कैसे ये लोग बिना किसी दंड के चीनी ले जाने के लिए नकली कागजात का इस्तेमाल कर रहे हैं।
बिल कॉपी से पता चला कि चीनी पश्चिम बंगाल से लोड की गई थी और ट्रक में केवल 12 मीट्रिक टन चीनी थी। असम में पर्याप्त व्यापारी होने के अलावा, पश्चिम बंगाल से चीनी लाने की मांग का कारण तब तक समझ से परे लगता है जब तक कि खरीदारों को बिना किसी सवाल के अपना माल ले जाने के लिए कागजात की आवश्यकता न हो।
बेंजामिन ने कहा, एनएच – 62 के माध्यम से बाघमारा और रोंगरा तक पहुंचने के बाद, इन्हें अवैध रूप से बांग्लादेश में तस्करी कर लाया जाता है। एसजीएच जिले में चीनी की स्थानीय खपत इतनी बड़ी नहीं हो सकती कि उन्हें दैनिक आधार पर 20-40 ट्रकों की आवश्यकता हो। मेघालय के रास्ते असम से बांग्लादेश तक चीनी की यह अवैध आपूर्ति कई महीनों से धड़ल्ले से चल रही है।
AOSW रोंगजेंग ने कहा कि, असम से आने वाले चीनी से भरे ट्रकों के पास वैध कागजात और वास्तविक बिल नहीं हैं और इससे राज्य को भारी राजस्व हानि हो रही है, जबकि राज्य कराधान विभाग से आगे के राजस्व घाटे से बचने के लिए बिलों की सत्यता की जांच करने के लिए कहा गया है।रोंगजेंग इकाई चीनी तस्करों के एक सिंडिकेट को रोकने के लिए जल्द से जल्द बीएसएफ प्राधिकरण के साथ इस मुद्दे को उठाएगी।