गन्ना किसानों के बकाया भुगतान के चलते कोल्हापूर विभाग के चीनी संयुक्त निदेशक द्वारा की गई कारवाई पर मिलों ने जताया कड़ा ऐतराज।
पुणे : चीनी मंडी
चीनी मौसम शुरू होकर तक़रीबन ४० दिन हो गये लेकिन कई सारी चीनी मिलों ने गन्ना किसानों का एफआरपी बकाया भुगतान नही किया है। मिलर्स ने दावा किया है की, चीनी की कीमतों में गिरावट और निर्यात की कमी के चलते मिलें आर्थिक कठिनाइयों से गुजर रही है, और वो एककिश्त में एफआरपी भुगतान करने के हालत में नही है । दूसरी ओर किसान संघठनों ने एफआरपी भुगतान का कानून तोड़नेवाली चीनी मिलों पर कारवाई करने की मांग उठाई है। इसके चलते चीनी संयुक्त निदेशक ने कोल्हापुर विभाग की चीनी मिलों को नोटिस भेजी है । संयुक्त निदेशक की कारवाई से नाराज चीनी मिल मालिकों ने आज पुणे में चीनी आयुक्त शेखर गायकवाड से मिलने का फैसला लिया है ।
इस बैठक में वो चीनी आयुक्त से संयुक्त निदेशक की कारवाई रोकने की और चीनी उद्योग को सरकार द्वारा सहायता करने की मांग कर सकते है । चीनी उद्योग का मानना है की अगर सरकार चीनी की न्यूनतम बिक्री कीमत 2900 रूपये प्रति क्विंटल से 3400 रूपये करता है, और प्रति टन 500 रूपये अनुदान दे तो चीनी मिलें किसानों की एफआरपी का एककिश्त में भुगतान कर सकती है ।
कोल्हापूर विभाग में १३२२ करोड़ रूपये गन्ना बकाया…
कोल्हापूर विभाग के कोल्हापूर और सांगली जिले की चीनी मिलों के पास किसानों का कुल १३२२ करोड़ रूपये गन्ना बकाया है । इसमें केवल सांगली के सद्गुरु श्री श्री इस चीनी मिल ने किसानों का 20 करोड़ 67 लाख का बकाया चुकाया है । कोल्हापूर विभाग की 38 मिलों में केवल सद्गुरु श्री श्री मिल ने किसानों का ३७ प्रतिशत गन्ना बकाया भुगतान किया है।