मुंबई : महाराष्ट्र में इस सीजन में गन्ना और चीनी का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है। महाराष्ट्र ने चीनी उत्पादन में उत्तर प्रदेश को भी पीछें छोड़ दिया है। इस सीजन में गन्ना उत्पादन इतना है की, मिलों ने पेराई अवधि को बढ़ा दिया है। मराठवाड़ा क्षेत्र में गन्ने के अधिक उत्पादन को देखते हुए, कुछ चीनी मिलों को फसल की पेराई जारी रखने के लिए कहा गया है। चीनी मिलें और राज्य सरकार द्वारा यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं कि एक भी गन्ना किसान पेराई से वंचित ना रह जाए। इस साल ज्यादा मराठवाड़ा क्षेत्र में गन्ने का अधिक उत्पादन हुआ है।
मिलों के लिए पेराई की अवधि 180 दिन होती है, हालांकि, प्रक्रिया इस बार अप्रैल-मई तक जारी रहेगी। मराठवाड़ा के पड़ोसी जिलों की फैक्ट्रियों को भी पेराई जारी रखने के लिए कहा गया है।
चीनी आयुक्तालय के आकड़ों के मुताबिक, सीजन 2021-22 में 20 मार्च, 2022 तक महाराष्ट्र में कुल मिलाकर 197 चीनी मिलों ने पेराई में हिस्सा लिया। जिसमे 98 सहकारी एवं 99 निजी चीनी मिलें शामिल है, और 1072.58 लाख टन गन्ने की पेराई की जा चुकी है। राज्य में अब तक 1111.64 लाख क्विंटल (111 लाख टन) चीनी का उत्पादन किया गया है। राज्य में फ़िलहाल औसत चीनी रिकवरी 10.36 प्रतिशत है।
आपको बता दे, इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) ने अपने दूसरे अग्रिम अनुमानों में अनुमानित 117 लाख टन के मुकाबले महाराष्ट्र के लिए 2021-22 सीजन के लिए अपने चीनी उत्पादन अनुमान को 126 लाख टन (एथेनॉल में बदलने के बाद) संशोधित किया है।