मुंबई: चीनी मंडी
चीनी मिलों को उनके जरूरत के अनुसार गन्ने या चीनी से इथेनॉल उत्पादन की अनुमति देने पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। इतना ही नहीं मिलें जितना भी इथेनॉल का उत्पादन करेंगी, वह सब केंद्र सरकार द्वारा खरीदा जाएगा। इस पर जल्द ही फैसला लिया जाएगा और इससे न केवल राज्य बल्कि देश में वित्तीय संकट में फंसी चीनी उद्योग को बड़ी राहत मिलेगी।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी की कीमत में लगातार होने वाला बदलाव देश में चीनी उद्योग पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है वित्तीय संकट के कारण इस साल कई मिलें बंद होने की कगार पर है।
राज्य में चीनी मिलें राज्य सहकारी बैंक के सबसे बड़े ग्राहक हैं और बैंक के कुल कारोबार का 50 % से अधिक हिस्सा केवल मिलों के माध्यम से होता है। इसलिए, राज्य सहकारी बैंक और सरकार ने संकट में फंसे चीनी उद्योग की मदद करने के लिए पहल की है। सहकारिता मंत्री सुभाष देशमुख और चीनी उद्योग के प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी और पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात की और उनको चीनी उद्योग की कठिनाइयों से अवगत कराया था।
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि, चीनी मिलों को चीनी से इथेनॉल बनाने की अनुमति दी जाएगी और चीनी के निर्यात पर प्रतिबंध भी हटा दिया जाएगा और सरकार का इरादा इसके लिए अनुदान प्रदान करने का है। चीनी उद्योग को राहत देने के लिए जल्द ही प्रस्ताव कैबिनेट में लाया जाएगा।
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