सुवा: फिजी की तीन चीनी मिलों के प्रबंधन से आग्रह किया गया है कि, वे फुटबाल टीमों की तरह चीनी उत्पादन में प्रतिद्वंद्विता दिखाएं और इस वर्ष केन टू टन शुगर शुगर (TCTS) को निचे लाने को कहा है। TCTS का उपयोग यह मापने के लिए किया जाता है कि, एक टन चीनी उत्पादन के लिए कितने टन गन्ने की पेराई की जाती है। चीनी मंत्रालय के स्थायी सचिव योगेश करण ने कहा कि, रारावई मिल में टीसीटीएस 9.9 का लक्ष्य है, जिसका मतलब है कि, मिल को एक टन चीनी उत्पादन के लिए 9.9 टन गन्ने की पेराई करने की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा, “जैसा कि यह एक फ़ुटबॉल शहर है, और अन्य जिलों के साथ प्रतिद्वंद्विता होती है। वैसे ही मिलों के बीच होनी चाहिए। फ़ुटबॉल जैसी प्रतिद्वंद्विता मिलों के बीच होने के बाद देखेंगे की किस मिल में सबसे अच्छा ‘टीसीटीएस’ है।
उन्होंने कहा की, मंत्रालय ‘टीसीटीएस’ का रिकॉर्ड रखेगा और तुलनात्मक उद्देश्यों के लिए साप्ताहिक आधार पर मेरे कार्यालय को आंकड़े भेजे जाएंगे। करण ने कहा कि, रारावई मिल 134 साल पुरानी है और मिल द्वारा 728,280 टन गन्ने की पेराई होने की उम्मीद है।
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