पानीपत: विश्व जैव ईंधन दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को 2 जी एथेनॉल संयंत्र समर्पित किया। देश में जैव ईंधन के उत्पादन और उपयोग को बढ़ावा देने के प्रयासों को मजबूत करने के लिए हरियाणा के पानीपत में संयंत्र स्थापित किया गया है।
इस संयंत्र को राष्ट्र को समर्पित करने का यह कदम देश में जैव ईंधन के उत्पादन एवं उपयोग को बढ़ावा देने हेतु सरकार द्वारा सालों से उठाए गए कदमों की एक लंबी श्रृंखला का हिस्सा है। यह कदम ऊर्जा क्षेत्र को अधिक किफायती, सुलभ, कुशल और टिकाऊ बनाने के प्रधानमंत्री के निरंतर प्रयासों के अनुरूप है।
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा की किसानों को इसका बहुत फायदा होगा। पराली जो पहले किसानों के लिए परेशानी था अब उनके लिए आय का स्रोत होगा। साथ ही अब प्रदुषण में कमी आएगी। प्रकृति की पूजा करने वाले हमारे देश में जैव ईंधन प्रकृति की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। हमारे किसान इसे बेहतर ढंग से समझते हैं। हमारे लिए जैव ईंधन का मतलब पर्यावरण को बचाने वाला हरित ईंधन है।
Through ethanol blending in petrol we have been able to save more Rs. 50,000 Crores from being spent on imports. The same money has now been used for the benefit of farmers in India. :PM @narendramodi
— MyGovIndia (@mygovindia) August 10, 2022
उन्होंने कहा की पेट्रोल में एथेनॉल मिलाने से पिछले 7-8 साल में देश के करीब 50,000 करोड़ रुपये विदेश जाने से बचे है। उसी पैसे का उपयोग अब भारत में किसानों के लाभ के लिए किया गया है।
इस 2जी एथेनॉल संयंत्र का निर्माण इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) द्वारा 900 करोड़ रुपये से अधिक की अनुमानित लागत से किया गया है और यह पानीपत रिफाइनरी के निकट स्थित है। अत्याधुनिक स्वदेशी तकनीक पर आधारित, यह परियोजना सालाना लगभग तीन करोड़ लीटर इथेनॉल का उत्पादन करने हेतु सालाना लगभग दो लाख टन चावल के भूसे (पराली) का उपयोग करके भारत के कचरे से धन अर्जित करने के प्रयासों की दिशा में एक नए अध्याय की शुरुआत करेगी।