मैसूरु : कर्नाटक में जल्द ही बजेट पेश होनेवाला है, और गन्ना किसान चाहते है की इस बजेट में खेती की इनपुट लागत को देखते हुए सरकार जादा उचित और पारिश्रमिक मूल्य (FRP) घोषित करे। कर्नाटक गन्ना कल्टिवेटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष कुरुबुर शांताकुमार ने कहा कि, खेती की लागत में वृद्धि हुई है, लेकिन सरकार द्वारा निर्धारित ‘FRP’ किसानों द्वारा खर्च की गई वास्तविक लागत से मेल नहीं खाता है। इसलिए सरकार को किसानों को लाभान्वित करने के उपायों की घोषणा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि, मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा ने कृषि से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए किसानों के साथ बजट पूर्व बैठक नहीं की। किसान बुरी तरह से आर्थिक तनाव में हैं।
किसानों द्वारा ट्रैक्टर चलाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले डीजल पर उपकर माफ करने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि, यह कदम कृषि समुदाय पर बोझ को कम करने का एक तरीका है और इससे उन्हें इनपुट लागत बचाने में भी मदद मिलेगी। शांताकुमार ने कहा कि, सरकार को सभी लंबित कृषि ऋणों के एकमुश्त निपटान की घोषणा करनी चाहिए और किसानों को अपनी कृषि गतिविधियाँ शुरू करने के लिए वित्तीय संस्थानों को ऋण जारी करने का निर्देश देना चाहिए।