भोपाल, मध्य प्रदेश: कोरोना वायरस महामारी के कारण कई मजदुर अपने अपने राज्य लौट रहे है। इसमे से ज्यादातर मजदूर उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों से है। दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर के मुताबिक, हालही में मध्यप्रदेश में हुए सर्वे में यह बात सामने आई है की आधे से ज्यादा प्रवासी मजदूर अब शहर नहीं लौटना चाहते हैं। जबकि एक चौथाई ऐसे हैं, जो वापसी को लेकर असमंजस में हैं। 21 फीसदी हालात सामान्य होने पर फिर से रोजीरोटी कमाने के लिए वापस महानगरों में जाने को इच्छुक हैं। यह निष्कर्ष विकास संवाद संस्था द्वारा प्रदेश के 10 जिलों में लौटे प्रवासी मजदूरों के बीच किए गए सर्वे के आधार पर निकला है।
खबरों के मुताबिक, मजदूर अपने गांव और प्रदेश में ही रोजगार के अवसर चाहते है। अवसर न होने के कारण केवल मजबूरी के कारण ही बहुत से प्रवासी मजदूर मुंबई, दिल्ली, सूरत, अहमदाबाद, पुणे जैसे महानगरों में वापस जाना चाहते है, वह भी कोरोना की स्थिति सामान्य होने के बाद।
विकास संवाद के निदेशक सचिन कुमार जैन ने रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट के मुताबिक, मध्यप्रदेश के आधे से अधिक मजदूर निर्माण क्षेत्र में कार्यरत थे। वापस लौटे लगभग आधे मजदूर ऐसे भी हैं जिन्हें अचानक लॉकडाउन के बाद पूरी मजदूरी का भुगतान भी नहीं किया गया। वापस आते समय उन्हें काफी मुश्किलों का सामना भी करना पड़ा था।
औद्योगिक और आर्थिक गतिविधियां प्रतिबंधों में ढील के साथ फिर से धीरे धीरे शुरू होने लगे है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हालही में कहा था कि, ऐसे स्थिती में अपने गांवो की तरफ पलायन कर चुके मजदूरों को केंद्र सरकार वापस शहरों और कस्बों में काम पर लौटने के लिए योजना बनाएगी।
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