शिमला : हरित हाइड्रोजन निर्माण में सहयोग के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार और एचएलसी ग्रीन एनर्जी एलएलसी ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि, उनका लक्ष्य 2025 तक हिमाचल प्रदेश को ‘पहला हरित राज्य’ और अग्रणी हरित हाइड्रोजन आधारित अर्थव्यवस्था बनाना है और यह समझौता ज्ञापन इसी दिशा में एक कदम है। समझौता ज्ञापन पर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, उद्योग निदेशक राकेश कुमार प्रजापति और मैसर्स एचएलसी ग्रीन एनर्जी एलएलसी के प्रबंध निदेशक संजय शर्मा की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एमओयू पर हस्ताक्षर पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि, ग्रीन हाइड्रोजन में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को काफी कम करने की क्षमता है।उर्वरक की कीमतों को कम करके देश की अर्थव्यवस्था में योगदान देने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि, हिमाचल प्रदेश पहले से ही ग्रीन ऊर्जा के लिए प्रसिद्ध था और अब एथेनॉल, ग्रीन हाइड्रोजन, ग्रीन अमोनिया, सोलर जैसी नई स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं को प्रोत्साहित करेगा। उन्होंने कहा कि, प्रचुर हरित पनबिजली ऊर्जा और जल संसाधनों की प्रचुरता के कारण राज्य को काफी फायदा होगा।उन्होंने हाइड्रोजन परियोजना की स्थापना में कंपनी को राज्य सरकार से पूर्ण सहयोग और समर्थन का आश्वासन दिया।