मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश: पिछले कुछ सालों से गन्ने की 0238 प्रजाति किट के चपेट में आई है। इसके किट प्रभावित होने से किसानों को आर्थिक नुकसान होता है। लेकिन फिर भी किसान इस प्रजाति से दुरी बनाने का नाम नही ले रहे है। मुजफ्फरनगर की बात की जाये तो, लाल सड़न रोग से घिरी गन्ना प्रजाति 0238 अभी भी जिले के किसानों की पहली पसंद है। जनपद में एक लाख 77 हजार हेक्टेयर में से एक लाख 29 हजार हेक्टेयर में अकेले यही प्रजाति है। तीन साल से गन्ना विभाग और गन्ना वैज्ञानिक यह प्रयास कर रहे हैं कि, किसान 0238 को छोड़कर इसके विकल्प के तौर पर नई प्रजातियों का प्रयोग करें। लेकिन गन्ना विभाग और गन्ना वैज्ञानिको को अभी भी किसानों को मनाने में सफलता नहीं मिल रही है।
अमर उजाला में प्रकाशित खबर के अनुसार, गन्ना विभाग ने हाल ही गन्ने का सर्वे कराया है। किसान इस प्रजाति को छोडने को तैयार नहीं है। विभाग के सर्वे के अनुसार जनपद में एक लाख 77 हेक्टेयर में गन्ने की खेती हो रही है, इसमें से एक लाख 29 हजार हेक्टेयर में 0238 की पैदावार है। गन्ना विभाग के सर्वे में इस बार किसानों ने एक लाख 29 हजार हेक्टेयर में 0238 की पैदावार की है। गत वर्ष एक लाख 56 हजार हेक्टेयर में 0238 की पैदावार हुई थी। केवल 27 हजार हेक्टेयर का रकबा ही घटा है। इसके बाद जिले में 0118 की खेती हो रही है। 31 हजार हेक्टेयर में किसानों ने इसे लगाया है। पिछले साल 12 हजार हेक्टेयर में इसकी खेती हुई थी। गन्ना प्रजाति 13235 इस बार 6200 हेक्टेयर में है। गत वर्ष यह 800 हेक्टेयर में थी। 15023 इस वर्ष 3900 हेक्टेयर में है। गत वर्ष यह 2700 हेक्टेयर में थी। 98014 इस बार 2897 हेक्टेयर में है, गत वर्ष यह 1232 हेक्टेयर में थी।
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