कानपुर: छह सदस्यीय चीनी प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को राष्ट्रीय चीनी संस्थान (एनएसआई) का दौरा किया तथा संस्थान की शैक्षणिक और अनुसंधान संबंधी गतिविधियों की जानकारी ली। इस दौरे का उद्देश्य गन्ने की उत्पादकता बढ़ाने, चीनी कारखानों की तकनीकी कुशलता और अधिक राजस्व प्राप्ति के लिए नये उत्पाद विकसित करने जैसे आपसी हित के क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाओं का पता लगाना था।
टीम का नेतृत्व चीन के गुआंग्शी में स्थित लिउज़ो शहर की पीपुल्स गवर्नमेंट के डिप्टी डायरेक्टर-जनरल ही जिमिन और डिप्टी सेक्रेटरी-जनरल झाओ सुजोन ने किया। प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए एनएसआई के निदेशक प्रो. नरेंद्र मोहन ने संस्थान के मुख्य कार्यों और वर्तमान गतिविधियों के बारे में एक प्रेज़ेंटेशन दिया। उन्होंने कहा कि हम गन्ना और चीनी का उत्पादन बढ़ाने, ऊर्जा और जल संरक्षण, बाजार की मांग के अनुसार विभिन्न तरह की चीनी का उत्पादन करने और ख़ासकर चीनी उद्योग के बाईप्रोडक्ट्स से वैल्यू-एडेड उत्पाद बनाने सहित, सभी क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। चीनी उद्योग में वेस्टवॉटर के ट्रीटमेंट की नई तकनीक विकसित करने तथा वेस्टवॉटर को और शुद्ध करते हुए इसे पीने योग्य पानी में परिवर्तित करने संबंधी संस्थान के प्रयासों से चीनी प्रतिनिधिमंडल काफी प्रभावित हुआ।
ही जिमिन ने कहा कि चीन का चीनी उद्योग और एनएसआई मिलकर गन्ना और चीनी की गुणवत्ता बढ़ाने, जल संरक्षण प्रबंधन में सुधार करने, विभिन्न फीडस्टॉक से इथेनॉल का उत्पादन करने तथा विशेष प्रकार की चीनी का उत्पादन करने समेत कई क्षेत्रों में काम कर सकते हैं। चीन में हर साल लगभग 16 मिलियन टन चीनी की खपत होती है, जिसमें से करीब 5-6 मिलियन टन चीनी यह अन्य देशों से आयात करता है। उन्होंने कहा कि चीन का चीनी उद्योग और एनएसआई हाथ मिला लें तो यह दोनों देशों के चीनी उद्योग के हित में होगा।
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