National Company Law Appellate Tribunal (NCLAT) ने मंगलवार को Competition Commission of India (CCI) के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें 18 चीनी मिलों और उनके दो उद्योग एसोसिएशन (इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन और एथेनॉल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन) पर कुल 38 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था 2018 में।
यह जुर्माना एथनॉल खरीद के लिए पेट्रोलियम विपणन कंपनियों की एक संयुक्त निविदा से संबंधित मामले में लगाया गया था। एथनॉल की यह खरीद पेट्रोल में मिश्रण के लिए की जानी थी।
मोटर स्पिरिट/गैसोलीन के साथ एथेनॉल के अनिवार्य 5 प्रतिशत मिश्रण के संबंध में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार संयुक्त निविदा जारी की गई थी। OMCs ने एक निविदा के माध्यम से एथेनॉल की आपूर्ति के लिए अल्कोहल निर्माताओं से कोटेशन आमंत्रित किया था, जो कि निविदा प्रक्रिया के समन्वयक के रूप में OMCs की ओर से बीपीसीएल द्वारा जारी किया गया था।
राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) ने कहा कि CCI का आदेश ‘अवैधता’ है और ”प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का पालन नहीं करता है।” न्यायाधिकरण ने कहा कि अंतिम दलीलें सुनने वाले CCI के कोरम ने उचित समय के भीतर जरूरी आदेश पारित नहीं किया, और जब मामले में आदेश सुनाया गया, तब तक एक सदस्य कम से कम बाद की चार सुनवाई में मौजूद नहीं थे और दो सदस्यों ने पद छोड़ दिया था। इसलिए वे फैसला करने में शामिल नहीं हुए और न ही उन्होंने अंतिम आदेश पर हस्ताक्षर किए।