नयी दिल्ली, 16 नवंबर: वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने शुक्रवार को कहा कि अपशिष्ट कम करने, उत्पादन बढ़ाने और मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने के लिए उर्वरकों के उपयोग को घटाने हेतु कृषि क्षेत्र के लिए नवोन्मेष जरूरी है।
उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में काम करने वाली स्टार्टअप कंपनियों के पास बड़े होने के व्यापक अवसर मौजूद हैं। जलवायु परिवर्तन ने इस क्षेत्र के लिए कई चुनौतियां खड़ी की हैं और स्टार्टअप कंपनियां इस ओर ध्यान देकर नवोन्मेषी समाधान पेश कर सकती हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हम कृषि क्षेत्र में नवोन्मेष को बढ़ावा दे रहे हैं। स्टार्टअप के नवोन्मेषी और नए विचार इस क्षेत्र में एक बड़ी भूमिका अदा कर सकते हैं।’’
प्रभु ने जानकारी दी कि उनका मंत्रालय इस बारे में सात दिसंबर को वैश्विक कोषों और स्टार्टअप कंपनियों के साथ एक बैठक करने जा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘स्टार्टअप कंपनियों को बढ़ावा देने के लिए हम एक समग्र रणनीति पर काम कर रहे हैं।’’
उल्लेखनीय है कि जनवरी 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्टार्टअप कंपनियों को बढ़ावा देने के लिए कई परियोजनाओं की शुरुआत की थी। इसमें इंस्पेक्टर राज से मुक्ति, कर में छूट इत्यादि शामिल हैं।
एक अन्य कार्यक्रम में बोलते हुए प्रभु ने कहा कि वैश्विक निवेशकों की बैठक में कई शीर्ष निवेशक शामिल होंगे। यह भारतीय स्टार्टअप कंपनियों के लिए एक नया रास्ता तैयार करेगा।
उन्होंने कहा कि स्टार्टअप कंपनियों के विस्तार के लिए सरकार अनुकूल वातावरण बनाने के कई प्रयास कर रही है और उसने कई सकारात्मक कदम उठाए हैं। इस दिशा में पारंपरिक उद्योगों के लिए अमल में लाए जाने वाले कई पुराने नियमों को बदल दिया गया है या उन्हें खत्म कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने देश को विश्वबैंक की कारोबार सुगमता सूची में शीर्ष 50 में शामिल कराने के प्रयास शुरू कर दिए हैं।