नेपाल: एवरेस्ट शुगर मिल्स में गन्ने की कमी, पेराई प्रभावित

बरदिबास: महतारी के रामनगर में एवरेस्ट शुगर मिल्स में गन्ने की कमी के कारण गन्ना पेराई प्रभावित हुई है। चीनी मिलों में पिछले 10 दिनों से ‘नो केन’ की समस्या है, क्योंकि गन्ना उत्पादक जिले के दक्षिणी हिस्से में शीतलहर के कारण गन्ने की ढुलाई में समस्या आ रही है। एवरेस्ट शुगर मिल्स के महाप्रबंधक सुरेंद्र शुक्ला के अनुसार मिल को पूरी क्षमता से चलाने के लिए प्रतिदिन 40,000 से 45,000 क्विंटल गन्ने की आवश्यकता होती है। वर्तमान में केवल 28,000 से 30,000 क्विंटल गन्ने की आपूर्ति की जाती है। शुक्ला ने कहा कि, कुछ दिनों में यह आपूर्ति 20,000 से 22,000 क्विंटल तक भी गिर जाती है।

उनके अनुसार माघ संक्रांति के दौरान जब गन्ना नहीं आता था, तो पेराई दो-तीन दिन के लिए बंद कर दी जाती थी। इसके बाद भी गन्ना आपूर्ति में कोई सुधार नहीं हुआ है। अब एक दिन गन्ना इकट्ठा कर दूसरे दिन पेराई करनी पड़ रही है। शुक्ला ने बताया, गन्ने की कमी के कारण सोमवार रात 11 बजे के बाद ही पेराई शुरू हो सकी। मौसम में सुधार नहीं होने के कारण बुधवार को फिर से ‘नो केन’ की संभावना है। मिलों के नियमित रूप से काम नहीं कर पाने के कारण पेराई महंगी हो गई है। इससे चीनी उत्पादन में कमी आई है। इस साल 35 लाख क्विंटल गन्ना पेराई कर 315000 क्विंटल चीनी उत्पादन का लक्ष्य लेकर 11 दिसंबर से पेराई शुरू करने वाली एवरेस्ट शुगर मिल्स को अब तक 15 लाख क्विंटल से अधिक गन्ना पेरना चाहिए था। ‘नो केन’ के कारण मंगलवार तक मात्र 13.7 लाख क्विंटल गन्ना पेराई हो पाई है और 116450 क्विंटल चीनी का उत्पादन हुआ है। शुक्ला के अनुसार एवरेस्ट शुगर मिल्स के पॉकेट एरिया में अभी भी पर्याप्त गन्ना है।

शुरुआत में अनुमान लगाया गया था कि महतारी में 24 लाख क्विंटल और सरलाही में 7 लाख क्विंटल समेत करीब 31 लाख क्विंटल गन्ना पैदा होगा। उन्होंने बताया कि इस साल 4 लाख क्विंटल गन्ना अन्य क्षेत्रों से मंगाकर 35 लाख क्विंटल गन्ना पेराई की तैयारी कर ली गई है। इसके बाद जिले के दक्षिणी हिस्से में शीतलहर चल रही है। सुबह से ही घना कोहरा और ठंडी हवाएं चलने के कारण मजदूर काम पर नहीं जाना चाहते। गन्ना काटने के लिए न्यूनतम 16 डिग्री तापमान की जरूरत होती है। महोत्तरी गन्ना उत्पादक किसान संघ के अध्यक्ष नरेश सिंह कुशवाह ने बताया कि गन्ना उत्पादन क्षेत्र में सुबह और रात का तापमान 9 डिग्री तक गिर जाने के बावजूद चीनी मिलों को गन्ना आपूर्ति आसान नहीं रही है।

पिछले वर्ष एवरेस्ट शुगर मिल ने पेराई सत्र में करीब 29.4 लाख क्विंटल गन्ना पेराई कर 261,406 क्विंटल चीनी का उत्पादन किया था। इंदुशंकर ने करीब 60 करोड़ रुपये का भुगतान किया इस बीच, सरलाही के हरिवन में इंदुशंकर शुगर इंडस्ट्री ने गन्ना किसानों को 60 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। उद्योग के प्रशासनिक प्रबंधक ठाकुर प्रसाद नेपाल ने बताया कि उद्योग ने 15 जनवरी 2025 तक पेराई किए गए गन्ने के लिए किसानों को 60 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है। इंदुशंकर ने 12 दिसंबर 2024 से गन्ना पेराई शुरू कर दी थी। नेपाल ने बताया कि मिलें गन्ना मिलने के एक सप्ताह के भीतर किसानों को भुगतान कर रही हैं। उनके अनुसार, रविवार तक उद्योग ने 1.174 मिलियन क्विंटल गन्ना पेराई कर ली है। उद्योग ने इस वर्ष 3 मिलियन क्विंटल गन्ना पेराई का लक्ष्य रखा है। इस वर्ष गन्ना बेचने के एक सप्ताह के भीतर इंदुशंकर द्वारा भुगतान किए जाने से किसान खुश हैं। उद्योग किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए उन्नत गन्ना बीज, मिट्टी परीक्षण और अन्य उपकरण उपलब्ध कराकर किसानों को सहायता प्रदान कर रहा है। हाल ही में, गन्ने की खेती में गिरावट के कारण चीनी उद्योग को गन्ना प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है। गन्ने की कमी के कारण चीनी उद्योग ने समय पर भुगतान करके किसानों से गन्ना खरीदने की होड़ भी बढ़ा दी है। जिले के धनकौल स्थित अन्नपूर्णा चीनी उद्योग और बगदाहा स्थित महालक्ष्मी चीनी उद्योग भी वर्तमान में गन्ने की पेराई कर रहे हैं।

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