कठमांडू: समय पर भुगतान नहीं करने के कारण गन्ना किसानों ने गन्ना फसल से अन्य फसलों की ओर रुख़ किया है, जिसके चलते अब चीनी मिलों को गन्ने की खरीद के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। हाल के वर्षों में ज्यादा से ज्यादा किसानों ने गन्ने की खेती छोड़ दी है। गन्ना किसानों की संख्या हर गुजरते साल में घट रही है, जिससे गन्ने का उत्पादन काफी प्रभावित हुआ है। देश भर की कुल चीनी मिलों में से चार ने अपने परिचालन को पूरी तरह से रोक दिया है। इस बीच, शेष 10 चीनी मिलें गन्ने के अभाव में कम क्षमता पर चल रही हैं। नेपाल फेडरेशन ऑफ गन्ना उत्पादक (एनएफएसपी) के अध्यक्ष कपिलमुनि मैनाली के अनुसार, पिछले सात वर्षों से प्रत्येक वर्ष गन्ने का उत्पादन 20 प्रतिशत घट रहा है।
मैनाली ने कहा की, सात साल पहले, चीनी मिलों में 26 मिलियन टन से अधिक गन्ने की पेराई की गई थी, जबकि पिछले साल केवल 16 मिलियन टन गन्ने की पेराई की गई थी। इस साल गन्ना उत्पादन में और गिरावट आने की संभावना है। इस सीजन में कुछ चीनी मिलों ने गन्ने की कमी और उत्पादन की लागत को वहन करने में विफल होने के बाद पूरी तरह से परिचालन बंद कर दिया है।
नेपाल शुगर मिल्स एसोसिएशन के अनुसार, श्री राम शुगर मिल लिमिटेड, अन्नपूर्णा शुगर मिल, इंदिरा शुगर मिल और लुंबिनी चीनी मिल को बंद कर दिया गया है।