काठमांडू: नेपाल सरकार से गन्ना दर बढ़ाने की मांग को लेकर गन्ना किसानों ने आंदोलन करने की चेतावनी दी है, किसानों ने मांग की है की, गन्ने के न्यूनतम समर्थन मूल्य में किसी भी हाल में बढ़ोतरी होनी ही चाहिए। गन्ना उत्पादक संघ महासंघ के अध्यक्ष कपिल मुनि मैनाली ने कहा कि, हमें जानकारी मिली है कि, सरकार द्वारा इस साल भी गन्ने का न्यूनतम समर्थन मूल्य वही रहेगा। उन्होंने कहा की, कोरोना महामारी के बीच उत्पादन की बढ़ी हुई लागत के कारण किसान अपनी फसलों को कम में नहीं बेच सकते हैं। उन्होंने कहा कि, सभी जानते हैं कि चीनी की कीमत बढ़ रही है, लेकिन पिछले तीन वर्षों से गन्ने की कीमत अपरिवर्तित बनी हुई है।
कृषि और पशुधन विकास मंत्रालय ने कहा कि, उन्होंने पिछले साल के मूल्य को बनाए रखने की सिफारिश की थी। कृषि मंत्रालय के प्रवक्ता हरी बहादुर केसी ने कहा कि, उद्योग मंत्रालय कृषि मंत्रालय द्वारा सिफारिश किए जाने के बाद कैबिनेट में प्रस्तावित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर चर्चा और बैठक करेगा। सरलाही में आयोजित गन्ना उत्पादक महासंघ की बैठक में इस वर्ष गन्ना 600 रुपये प्रति क्विंटल से कम में नहीं बेचने का निर्णय लिया गया। सरलाही, बारा, परसा, महतारी, रौतहट और दो अन्य जिलों के गन्ना उत्पादक किसानों ने भी 600 रुपये प्रति क्विंटल से कम मूल्य नहीं लेने का फैसला किया है। महासंघ के अनुसार, हम सरकार को एक ज्ञापन सौंपेंगे और उनके जवाब की प्रतीक्षा करेंगे।