कठमांडू: देश में गन्ने की खेती में भारी गिरावट के चलते इस साल चीनी उत्पादन में भी तेज गिरावट हुई है। नेपाल चीनी उद्योग संघ के अनुसार, इस साल केवल 80,000 टन चीनी का उत्पादन हुआ है, जो की पिछले साल साल के 180,000 टन चीनी उत्पादन के मुकाबले लगभग 45 प्रतिशत कम है। एसोसिएशन ने शुरू में अनुमान लगाया था कि, इस साल 130,000 टन चीनी का उत्पादन होगा। हालांकि, गन्ने की कमी के कारण चीनी का वास्तविक उत्पादन बहुत कम हो गया। आठ साल पहले तक नेपाल में सालाना 280,000 टन चीनी का उत्पादन होता था। मिलों के साथ भुगतान में विवाद के कारण हर साल गन्ना किसानों की संख्या में कमी आई है।
देश भर की कुल चीनी मिलों में से चार मिलों ने अपने कार्यों को पूरी तरह से रोक दिया है। इसके अलावा, शेष 10 चीनी मिलें गन्ने की कमी की वजह से कम क्षमता पर चल रही हैं। नेपाल फेडरेशन ऑफ गन्ना प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष कपिलमुनि मैनाली ने कहा कि, भुगतान मिलने के बाद भी किसानों ने सब्जियों की खेती शुरू कर दी है।
नेपाल शुगर मिल्स एसोसिएशन (NSMA) के अध्यक्ष शशिकांत अग्रवाल ने कहा, किसान इस साल गन्ने की कीमत से खुश हैं। हमें विश्वास है कि वे भविष्य में गन्ने की खेती फिर से शुरू करेंगे। अब जब उद्योगों ने किसानों को भुगतान करना शुरू कर दिया है, तो अगले साल गन्ने की खेती बढ़ सकती है। अग्रवाल ने कहा है कि, उद्योग ने कम चीनी उत्पादन के बावजूद चीनी की कीमत में वृद्धि नहीं की है।