ज्यूरिच: नेस्ले SA ने बिना किसी चीनी को मिलाए चॉकलेट बनाने का तरीका खोजा है, जो कि मीठे के लिए कोको के पौधों से बचे हुए पदार्थ पर आधारित पल्प है, क्योंकि उपभोक्ता प्राकृतिक और स्वस्थ व्यंजनों की राह तलाश रहे हैं।
नेस्ले कंपनी सफेद पल्प को बदलने के लिए एक पेटेंट तकनीक का उपयोग कर रही है, जो कोको बीन्स को एक पाउडर में बदल देती है, जिसमें स्वाभाविक रूप से चीनी होती है। जापान में चॉकलेट बिक्री मे हुई तेज गिरावट के बाद नेस्ले ने नई रेसिपी के तहत 70% डार्क चॉकलेट के साथ किटकैट बार्स की बिक्री शुरू कर दी है, जिसमें कोई भी चीनी नहीं है। अब तक, पल्प का उपयोग चॉकलेट के लिए स्वीटनर के रूप में कभी नहीं किया गया है, और आमतौर पर इसे ज्यादातर फेंक दिया जाता था। नेस्ले के कन्फेक्शनरी व्यवसाय के प्रमुख अलेक्जेंडर वॉन मायलोत ने बताया कि, नेस्ले भविष्य में दूध या सफेद चॉकलेट बनाने के लिए इसी प्रक्रिया का उपयोग कर सकती है।
दुनिया की सबसे बड़ी खाद्य कंपनी अगले साल अन्य देशों में भी अन्य कन्फेक्शनरी ब्रांडों के लिए पल्प तकनीक का उपयोग करने की योजना बना रही है।पल्प का उपयोग करने से यह अधिक प्रीमियम चॉकलेट बन जाता है। क्यूंकि पल्प चीनी के मुकाबले ज्यादा महंगा है।
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