नई दिल्ली : केंद्र सरकार और आंदोलनकारियों के बीच बातचीत के आठवां दौर में कृषि कानूनों और एमएसपी पर खींचतान जारी रही। जिससे बातचीत बेनतीजा रही, अब दोनों पक्ष 8 जनवरी को एक बार फिर वार्ता करेंगे।केंद्र सरकार किसानों से तीन कृषि कानूनों के हर प्रावधान पर चर्चा करने और उसमें होनेवाली दिक्कत बताने की मांग कर रही थी। आंदोलनकारी किसान कानूनों को पूरी तरह रद्द किए जाने की मांग पर ही अड़े हैं। केंद्र सरकार ने किसानों से कहा कि, सरकार आगे बढऩे से पहले इन कानूनों के सकारात्मक पहलुओं के बारे में देश के अन्य किसानों के साथ चर्चा करना चाहती है।
बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने संवाददाताओं से कहा, केंद्र चाहता है कि किसान संगठन तीन कृषि कानूनों के वे प्रावधान बताएं, जिन पर उन्हें आपत्ति है। हमें उम्मीद है कि 8 जनवरी को बैठक में कोई समाधान निकल आएगा।इस बीच सभी की नजरें सर्वोच्च न्यायालय पर टिकी हैं, जहां कई याचिकाओं की सुनवाई होनी है। इन याचिकाओं में दिल्ली के मुख्य प्रवेश बिंदुओं को बंद किए जाने को चुनौती दी गई है। किसान तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैंइन कानूनों को केंद्र सरकार द्वारा सितंबर में लागू किया गया था। केंद्र सरकार ने दावा किया है की, इस कानून से बिचौलियों से किसानों को मुक्ति मिलेगी और किसान देश में कहीं भी अपनी उपज बेच पाएंगे।लेकिन किसानों को डर है कि नए कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य की सुरक्षा और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी।