बेंगलुरु: भारतीय चीनी उद्योग के प्रमुख खिलाड़ी निरानी समूह के प्रबंध निदेशक श्री विजय निरानी ने एक साक्षात्कार में चीनीमंडी न्यूज़ को बताया की, हमारा समूह पारंपरिक चीनी व्यापार मॉडल से परे आगे बढ़ने का विचार कर रहा है। यह समूह चीनी के साथ साथ इथेनॉल के लिए नए दीर्घकालिक आपूर्ति सौदों को लक्षित कर रहा है और साथ ही चीनी एक उपोत्पाद हो सकता है।
चीनी उत्पादन, निर्यात और लाभप्रदता के मामले में चीनी मौसम पर अपने आकलन पर बोलते हुए, उन्होंने कहा, इस साल बहुत अच्छे मानसून के साथ, कर्नाटक में इस साल रिकॉर्ड पेराई सत्र देखने को मिल सकता है। बागलकोट जिले में 14 मिलियन मीट्रिक टन पेराई का अनुमान है, जो अब तक का सबसे अधिक है। लेकिन मांग और आपूर्ति के बीच एक बड़ा अंतर होगा क्योंकि चीनी का अधिक उत्पादन हो रहा है, जो अपने आप में एक चुनौती है। उन्होनें कहा की, अधिशेष चीनी, निर्यात में गिरावट और अब COVID-19 महामारी के कारण चीनी उद्योग पहले से ही बहुत संकट में हैं। किसानों को समय पर भुगतान करने के लिए मिलों को काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही है।
निरानी समूह के चीनी कारोबार के विस्तार के बारे में उन्होंने कहा की, हमने लगभग 2 दशक पहले प्रति दिन 500 मीट्रिक टन क्षमता के साथ सबसे छोटे उद्योग के रूप में शुरुआत की थी। अब हम 6 मिलों के माध्यम से 230 मेगावाट की कोजनरेशन के साथ कंसोलिडेटेड 60,000 मीट्रिक टन पेराई क्षमता हासिल की है। हम केदारनाथ शुगर्स, बदामी शुगर्स लिमिटेड, पांडवपुरा एसएसके, श्रीरामा शुगर्स एसएसके, एसपीआर शुगर्स का संचालन कर रहे हैं। यह सब त्रस्त इकाइयां थी, जिन्हें हम पेशेवर रूप से और सफलतापूर्वक चला रहें है। निरानी समूह इथेनॉल सम्मिश्रण कार्यक्रम (EBP) के लिए कदम उठा रहा हैं, और हमारे अध्यक्ष मुरुगेश आर निरानी इस ईबीपी कार्यक्रम के अग्रदूतों में से एक है।