नई दिल्ली: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग तथा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री, श्री नितिन गडकरी ने सभी राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों से अंतरराज्यीय/ यूटी सीमाओं पर लगे ट्रकों और लॉरियों के आवागमन को यथाशीघ्र मंजूरी प्रदान करने की दिशा में तत्काल कार्रवाई करने का आह्वान किया है, जिससे कि इन अवरोधों को समाप्त किया जा सके, क्योंकि देश के विभिन्न हिस्सों में आवश्यक वस्तुओं के आवागमन का सुचारू रूप से चलना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए घोषित किए गए लॉकडाउन के मद्देनजर, नागरिकों के जीवन को सुगम बनाने के लिए ट्रक/लॉरी के आवागमन को सुविधाजनक बनाने पर तत्काल ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से, राज्य/ केंद्र शासित प्रदेश के सड़क परिवहन मंत्रियों के साथ आयोजित बैठक में श्री गडकरी ने मंत्रियों से ऐसे मामलों में हस्तक्षेप करने और स्थानीय/ जिला प्रशासनों के माध्यम से इन प्रस्तावों को सुनिश्चित करवाने का आग्रह किया। उसी समय, उन्होंने ड्राइवरों/ क्लीनरों और ढाबों के द्वारा स्वास्थ्य सलाहों और अन्य दिशा-निर्देशों का पालन करने की जरूरत के बारे में भी बताया, जैसे उचित सामाजिक दूरी अपनाना, मास्क पहनना, सैनिटाइज़र का उपयोग करना आदि।
श्री गडकरी ने आगे कहा कि श्रमिकों को कारखानों आदि में लाने वाले परिवहन में स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का विधिवत रूप से पालन किया जाना चाहिए, जैसे एक मीटर की न्यूनतम दूरी बनाए रखना, मास्क पहनना, सैनिटाइजर का उपयोग करना आदि। उन्होंने कहा कि सामाजिक दूरी और स्वच्छता के मानदंडों का पूरी तरह से पालन करते हुए श्रमिकों के लिए भोजन और आश्रय की व्यवस्था को सुनिश्चित की जा सकती है।
एक सुझाव के जवाब में, श्री गडकरी ने कहा कि परिवहन के मुद्दों का समाधान करने के लिए उनका मंत्रालय एक हेल्पलाइन शुरू करेगा।
इस बैठक में, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री, जनरल (सेवानिवृत्त) वी के सिंह भी मौजूद थे। परिवहन और पीडब्ल्यूडी मंत्रियों/ उप-मुख्यमंत्रियों के अलावा, मिजोरम, हिमाचल प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने भी इसमें हिस्सा लिया, उनके साथ सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सचिव, मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, एनएचएआई, एनएचआईडीसीएल आदि के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
केंद्रीय मंत्री श्री गडकरी ने बताया कि उनके लिए सर्वोच्च प्राथमिकता वाला विषय सड़क/ राजमार्ग अवसंरचना का विकास करना हैं और वे अगले कुछ वर्षों में राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण को वर्तमान स्थिति से 2 से 3 गुना तक बढ़ाने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों से भूमि अधिग्रहण में तेजी लाने का आग्रह किया क्योंकि देरी होन से विकास के मार्ग में बाधा उत्पन्न होती है और उन्हें लगभग 25,000 करोड़ रुपये की उन निधियों का उपयोग करने के लिए कहा है जिसका इस्तेमाल उनके द्वारा अभी तक नहीं किया गया है।
शीघ्र निर्णय लेने का आह्वान करते हुए, श्री गडकरी ने कहा कि भारत को आर्थिक महाशक्ति और 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में त्वरित आर्थिक विकास के लिए यह महत्वपूर्ण है। मंत्री ने जोर देकर कहा कि परिवहन सुविधाएं/ अवसंरचना हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। उन्होंने कहा कि मंत्रियों द्वारा व्यक्तिगत रूप से निर्णय लेने की प्रक्रिया की निगरानी की जानी चाहिए जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि परियोजनाएं लालफीताशाही का शिकार न बन सके।
श्री गडकरी ने सुझाव दिया कि राज्य के परिवहन मंत्रियों को ऐप-आधारित दोपहिया टैक्सियों का संचालन करना चाहिए, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में, जो कि किसानों के सुचारू आवागमन में सहायता प्रदान करेंगे। इससे रोजगार के नए अवसर भी बढ़ेंगे। वे सार्वजनिक परिवहन को एलएनजी/ सीएनजी, ई-वाहनों में परिवर्तित करने की भी कोशिश कर सकते हैं जो ईंधन के बिलों में बहुत हद तक बचत करेगा और कम/ शून्य प्रदूषणकारी ईंधन होने के कारण पर्यावरण को भी मदद पहुंचाएगा।
अपनी बात रखते हुए जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह ने राज्यों और केंद्र के बीच ज्यादा समन्वय स्थापित करने का आह्वान किया जिससे परियोजना के कार्यान्वयन में तेजी लाने में मदद मिलेगी। उदाहरण के लिए, उन्होंने बताया कि अगर कार्यों को एक केन्द्रीय एजेंसी से दूसरे एजेंसी में स्थानांतरित किया जाता है तो उनके लिए अलग पंजीकरण/ शुल्क पर जोर नहीं दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की प्रथाओं को दूर किया जाना चाहिए।
राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के विभिन्न मुख्यमंत्रियों/ उपमुख्यमंत्रियों/ मंत्रियों ने श्री गडकरी द्वारा व्यक्त की गई भावनाओं को दोहराया और अनुरोध किया कि उनके राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों में राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं में तेजी लाई जाए। उन्होंने इस संबंध में पूर्ण समर्थन देने का आश्वासन दिया। राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों में लंबित विशिष्ट परियोजनाओं को संदर्भित किया गया। केंद्रीय मंत्री श्री गडकरी और राज्यमंत्री (सेवानिवृत्त) श्री वीके सिंह के नेतृत्व में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा किए जा रहे कार्यों की विशेष रूप से प्रशंसा की गई।
लॉकडाउन की अवधि के दौरान मंत्रालय द्वारा किए जा रहे कार्यों का प्रदर्शन करते हुए एक प्रस्तुति दी गई। यह कहा गया कि 5,89,648 करोड़ रुपये की लागत वाली 49,238 किलोमीटर की दूरी वाली 1,315 परियोजनाएं प्रगति पर हैं, जिनमें से 3,06,250 करोड़ रुपये की लागत वाली 30,301 किलोमीटर की दूरी वाली 819 परियोजनाओं में देरी हुई है। यह राज्य-विशिष्ट मुद्दों, जैसे लंबित भूमि अधिग्रहण, पर्यावरण मंजूरी आदि को भी दर्शाता है जिसके कारण परियोजना के कार्यान्वयन में देरी हो रही है। प्रतिभागी राज्यों को राजमार्ग क्षेत्र के सामने उत्पन्न होने वाली कठिनाइयों को कम करने की दिशा में आवश्यक कदम उठाने का भी सुझाव दिया गया।
(Source: PIB)
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